बिलासपुर। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के लागू होने से खेतो में मजदूरी कर अपना गुजारा करने वाले मजदूरों में उत्साह का संचार हुआ है, क्योंकि इस योजना से उनको आर्थिक सहारा मिलेगा।

बिल्हा विकासखण्ड के ग्राम करमा के कृषि मजदूर दुकालू राम केवर्त ने आज अपने ग्राम पंचायत में जाकर निर्धारित पत्र में आवेदन भरा और अपना पंजीयन कराया। दुकालू राम दूसरों के खेतों में मजदूरी करता है। सीजन में ही उन्हें काम मिलता है। बाकी समय अपने परिवार के गुजर-बसर के लिए मशक्कत करनी पड़ती है। अपने गांव से दूर मिल में जाकर हमाली का काम करता है। वर्ष 2012 में उसे ग्रामीण आवास योजना के तहत रहने के लिए घर भी मिला था। दुकालू ने बताया कि ग्राम सचिव संतोष चौहान ने इस योजना के फायदे के बारे में बताया और उसे पंजीयन कराने के लिए प्रेरित किया। उसका कहना है कि हम जैसे गरीबों के लिए यह बहुत अच्छी योजना है। इसी गांव के 50 वर्षीय विशाल सिंह कंवर ने बताया कि वह खेतों में मजदूरी, निंदाई, कोड़ाई, खेत मे मजदूरी करके अपने जीवन यापन करता है। उनके पास कोई जमीन नहीं है। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के क्रियान्वयन से उसे भी सहारा मिलेगा। विशाल ने अपना पंजीयन करा लिया है। ग्राम करमा में एक छोटा सा किराना दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले रामकुमार गुप्ता का कहना है कि जिनके पास खेती-बाड़ी के लिए जमीन नहीं है। उनके हित के लिए सरकार ने यह योजना लाकर इस वर्ग को संबंल प्रदान किया है।

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