16 दिसबंर को नेशनल लोक-अदालत की तैयारी को लेकर चीफ जस्टिस ने ली बैठक

बिलासपुर । प्रदेश में 16 दिसंबर को होने वाली नेशनल लोक अदालत की तैयारियों पर चर्चा के लिए प्रदेश के न्यायिक अधिकारियों की बैठक में छत्तीसगढ़ के चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि लंबित मामलों में वृद्धि को देखते हुए इन लोक अदालतों में 5 से 10 साल तक पुराने मामलों को अधिक संख्या में चिन्हांकित कर निराकरण करें।
छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस सिन्हा छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक भी हैं। उन्होंने कहा कि लोक अदालत में समझौता होने से किसी की जीत या हार नहीं होती है। समझौता योग्य प्रकरणों को इनमें अधिक से अधिक लाया जाना चाहिए। इसके साथ ही उनके द्वारा प्री-लिटिगेशन के मामलों को अधिक से अधिक संख्या में चिन्हांकित कर अदालतों में पहुंचने से पहले निराकृत करने कहा। उन्होंने कहा कि पिछली लोक अदालत में आंकड़ों के मामले में सर्वोच्च स्थान पर रहे जिलों को क्षेत्र के आकार एवं लंबित संख्या को देखते हुए अधिक से अधिक प्रकरणों का निराकरण का लक्ष्य रखना है।
बैठक में उपस्थित प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष गौतम भादुड़ी ने कहा कि चीफ जस्टिस सिन्हा न्यायाधीशों को प्रोत्साहित करने के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक शॉक से होने वाली मौतों के मामलों में पीड़ितों को जितनी जल्दी हो सके राजीनामा के आधार पर क्षतिपूर्ति दिलाएं। समय पर न्याय नहीं मिलेगा तो न्याय का उद्देश्य विफल हो जाएगा। उन्होंने न्यायिक अधिकारियों को टीम वर्क से काम कर पिछली बार से अधिक मामलों का निराकरण करने कहा।
उच्च न्यायालय विधिक सेवा समिति के अध्यक्ष जस्टिस संजय के अग्रवाल ने कहा कि अब तक 3 लाख 258 प्रकरणों का चिन्हांकन किया जा चुका है जो लंबित प्रकरणों की तुलना में कम हैं। अब तक मोटर दुर्घटना के 3258 तथा  धारा 138 एनआई एक्ट के 23074 प्रकरणों के चिन्हांकित किया गया है, जबकि लंबित मामले इनमें भी बड़ी संख्या में हैं।
अवगत हो कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) के निर्देश पर लोक अदालतें रखी जाती है। इस वर्ष की अंतिम लोक अदालत 9 दिसंबर को रखी जानी थी, जिसे विधानसभा चुनाव के कारण आगे बढ़ाकर 16 दिसंबर किया गया है।  लोक अदालत उच्च न्यायालय से लेकर तहसील न्यायालयों के साथ साथ राजस्व न्यायालयों में भी लगाई जाती है।
बैठक में सभी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के जिला न्यायाधीश (पदेश अध्यक्ष), सचिव फैमली कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश, न्यायाधीश स्थायी लोक अदालत के चेयरमैन, सीजेएम, लेबर जज वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से शामिल हुए।
गौरतलब है कि बीते चीफ जस्टिस ने 14 अक्टूबर को लोक अदालत में बेहतर प्रदर्शन करने वाले न्यायाधीशों व न्यायिक अधिकारियों को सम्मानित किया था। चीफ जस्टिस सिन्हा के नेतृत्व में उच्च न्यायालय तथा प्रदेश के अन्य न्यायालयों में पुराने लंबित मामलों का तेजी से निराकरण किया जा रहा है और उनमें कमी आ रही है।

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