खाद्य मंत्री, कलेक्टर व डीएमओ से व्यवस्था बदलने की मांग

बिलासपुर। धान के उठाव के लिए बिलासपुर जिले में तय किये गये लोडिंग चार्ज और हमाली कांट्रेक्टर द्वारा डाले जा रहे ऊपरी खर्च के बोझ से त्रस्त राइस मिलर्स ने मांग की है कि मार्कफेड उनसे सीधे हमाली का चार्ज लें जिससे कस्टम मिलिंग के काम में रुकावट न आये। कोरोना संकट और असमय बारिश के कारण उत्पन्न विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए राइस मिलर्स ने शासन से मदद की अपील की है।

दी फेडरेशन आफ राइस मिलर्स ने खाद्य मंत्री, कलेक्टर और जिला विपणन अधिकारी को पत्र लिखकर प्रति क्विंटल धान उठाव और हमाली दर के नाम पर हो रहे अत्यधिक व्यय पर रोक लगाने मांग की है। फेडरेशन की ओर से कहा गया है कि संग्रहण केन्द्रों से धान उठाव में मार्कफेड मुख्यालय द्वारा हमाली दर तय की गई है। इसके तहत बिलासपुर जिले के लिए भी हमाली दर निर्धारित की गई है।

मोपका संग्रहण केंद्र मैं मोहम्मद इकबाल के पक्ष में दर स्वीकृत की गई है। मुख्यालय द्वारा 50 किलो तक के लिए ट्रकों में लोडिंग की दरें ढाई रुपए प्रति बोरी निविदा के माध्यम से तय की गईं है जो बहुत अधिक है। जांजगीर जिले के संग्रहण केन्द्रों में काफी कम दर पर कार्य प्रारंभ हो चुका है। बिलासपुर जिले में इसके विपरीत साढ़े चार रुपए प्रति बोरी के हिसाब से लोडिंग चार्ज लिया जा रहा है। इसके साथ ही हमाली 200 रुपए, साढ़े तीन रुपए चाय-पानी तथा धरमकांटा का 100 रुपए लिया जा रहा है। इसके अलावा अन्य खर्च 150 से 200 रुपए तक प्रति ट्रक हो रहा है। फेडरेशन की ओर से कहा गया है कि जहां जांजगीर जिले में प्रति क्विंटल धान उठाव का कार्य 5.70 रुपए में किया जा रहा है वहीं बिलासपुर में 14 से 18 रुपए तक खर्च हो रहा है। फेडरेशन ने कहा कि अनेक बार बारिश और कोरोना संक्रमण के कारण के बीच अत्यधिक व्यय के कारण कस्टम मिलिंग का काम नहीं हो पा रहा है। फेडरेशन ने निविदा के माध्यम से प्राप्त दरों के अनुसार ही धान उठाव की मांग की है। फेडरेशन ने यह भी कहा है कि मार्कफेड चाहे तो दरों को मिलिंग बिलों से वसूलकर हमाल निविदाकारों को भुगतान किया जा सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here