जर्जर स्कूल भवन, बंद अस्पताल, बिजली सहित अन्य जनहित के मुद्दों पर प्रस्ताव पारित, सभी विभागों के अधिकारी मौजूद रहे

बिलासपुर। जिले के किसी भी स्कूल में अब अटैचमेंट वाले शिक्षक नहीं रहेंगे। जिसकी नियुक्ति जिस स्कूल के लिए हुई है, वो वहीं पदस्थ रहेगा। गुरुवार को आयोजित ज़िला पंचायत सामान्य सभा की बैठक में इस विषय पर सभी सदस्यों ने सहमति जताई। बैठक में जनहित से जुड़े अन्य कई एजेंडों पर चर्चा की गई।

प्रस्ताव के अनुसार शहर में अपना स्थायी निवास बनाकर शहर के आसपास के स्कूलों में ही अटैच शिक्षकों को तत्काल उनके मूल स्कूलों में भेजा जायेगा। यह विषय जिला पंचायत सदस्य जितेंद्र पाण्डेय व सदस्य राजेश्वर भार्गव ने सदन में उठाया। उन्होंने कहा कि शहर व आसपास के स्कूलों में शिक्षकों की बाढ़ है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल एक शिक्षकीय हैं। इससे ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई बाधित हो रही है। अध्यक्ष अरुण सिंह चौहान ने कुछ स्कूलों का उदाहरण देते हुए कहा कि शिक्षक नौकरी कहीं और कर रहे है, जबकि उसका वेतन किसी और स्कूल ने निकाला जा रहा है। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार कर सबको मूल शाला में भेजने के निर्देश दिए।

सदस्य नूरी दिलेन्द्र कौशल ने पोंड़ी और नारगोड़ा के स्कूल भवनों को जर्जर स्थिति में तत्काल सुधार करने की मांग रखी। इस दौरान अध्यक्ष चौहान ने पूरे जिले में शाला उन्नयन का मुद्दा भी रखा। ज़िला शिक्षा अधिकारी ने सूची शासन को भेज देने व और नाम आने की स्थिति में उन नामो की सूची भी स्वीकृति के लिए शासन को भेजे जाने की बात कही।

सदस्य चांदनी भारद्वाज ने मस्तूरी के रिस्दा में स्वास्थ्य केंद्र प्रारंभ नही होने का मुद्दा उठाया। सदस्य अंकित गौरहा ने कहा कि जिले में करीब 45 ऐसे अस्पताल भवन हैं, जो बन तो गए हैं, लेकिन स्टाफ की कमी के कारण बंद हैं। स्वास्थ्य विभाग ने यह सूची उपलब्ध करा देने के साथ ही ऐसे स्वास्थ्य केंद्रों में तत्काल इलाज की सुविधा प्रारंभ करने की बात कही।

अध्यक्ष अरुण सिंह ने जल संसाधन विभाग के खोंगसरा रेस्ट हाउस के जर्जर होने व तत्काल सुधार करने की बात कही। सदस्य जितेंद्र पांडेय ने परसाकापा में विद्युत तार लटककर काफी नीचे आ जाने की बात कही, जिसे तत्काल ठीक कराने को कहा गया। इसी तरह अध्यक्ष चौहान ने करगीकला स्कूल से हाईटेंशन लाइन जाने का मुद्दा उठाया, जिसे तत्काल अन्यत्र शिफ्ट किये जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि इसके कारण बच्चों की खेल गतिविधि बाधित हो रही है। बिल्हा ब्लॉक से एकलबत्ती कनेक्शन धारिकों को हज़ारों रुपये का बिजली बिल थमा देने का मुद्दा उठा। सदस्य शुभम पेन्द्रों ने जीपीएम जिले के उपभोक्ताओं की भी यही समस्या बताई। पेन्द्रों ने मजरा टोलों में जहां विद्युत कनेक्शन नही हैं, वहां शासन की योजनांतर्गत कनेक्शन उपलब्ध कराने का मुद्दा उठाया, जिस पर विद्युत अधिकारियों ने फिलहाल शासन की ऐसी कोई योजना नही होने और इस विषय को उच्चाधिकारियों तक पहुंचा देने की बात कही। सदस्य चांदनी भारद्वाज ने कितने दिनों की अवधि में विद्युत कनेक्शन को अस्थायी से स्थायी किया जा सकता है का मुद्दा उठाया।

आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट के लिए समूहों के चयन में सदस्य जितेंद्र पांडेय ने पूरी ईमानदारी व पारदर्शिता बरतने की बात कही। महिला बाल विकास अधिकारी ने बताया कि उन्होंने पारदर्शिता के लिए अधीनस्थ अधिकारियों को कम से कम 10 समूहों की जांच करने का जिम्मा सौंपा है। इसी तरह दस समूहों की जांच वे खुद करेंगी। उन्होंने बताया कि जिले के 69 केंद्रों के लिए 510 समूहों ने आवेदन किया है। सदस्य शुभम पेन्द्रों ने जर्जर आंगनबाड़ी केंद्रों के सुधार का मुद्दा उठाया, जिस पर संबंधित विभाग ने लगभग 51 केंद्रों के जीर्णोद्धार के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने की जानकारी दी।

ज़िला पंचायत से संचालित योजनाओं के संबंध में मुख्य कार्यपालन अधिकारी हरिस एस ने विस्तृत जानकारी दी। बैठक में बिलासपुर व जीपीएम के सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित थे। सामान्य सभा की  बैठक के पश्चात सामान्य प्रशासन समिति की बैठक भी रखी गई।

केन्द्र सरकार ने दो सड़कों को मंजूरी दी

ज़िला पंचायत सामान्य सभा की पिछली कई बैठकों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क अंतर्गत मस्तूरी के कोसारडीह मार्ग और तखतपुर के मुरु से खरकेना मार्ग का मुद्दा उठता रहा है। पीएमजीएसवाई के कार्यपालन अभियंता वरुण राजपूत ने आज की बैठक में बताया कि जिला पंचायत सामान्य सभा की बैठक में की गई कार्रवाई के आधार पर इन सड़कों के निर्माण की स्वीकृति के लिए मांग की गई थी, जिसे केन्द्र सरकार द्वारा स्वीकृति दे दी गई है। कोसारडीह मार्ग को एक करोड़ 46 लाख की स्वीकृति मिली है। इस बात पर सदस्यों ने सदन में ताली बजाकर प्रसन्नता जाहिर की।

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