श्रद्धा महिला मंडल की अध्यक्ष मिश्रा ने बताई फिल्म की खूबियां

बिलासपुर। पश्चिम बंगाल के रानीगंज भूमिगत खदान में 65 कोयला खनिकों के रेस्क्यू पर आधारित अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म मिशन रानीगंज अक्टूबर में रिलीज हुई थी। एसईसीएल ने अपने अधिकारी-कर्मचारियों के लिए बुधवार को इसकी निःशुक्ल स्क्रीनिंग कराई। सिटी मॉल 36 में इसका प्रदर्शन किया गया।
फिल्म में दर्शाया गया है कि किस तरह माइनिंग इंजीनियर जसवंत सिंह गिल (अक्षय कुमार) जमीन में एक कुआं खोदकर विशेष रूप से तैयार किए गए कैप्सूल की मदद से कोयला मजदूरों को सकुशल बाहर निकालते हैं।
एसईसीएल की प्रथम महिला, श्रद्धा महिला मण्डल की अध्यक्षा पूनम मिश्रा ने इस फिल्म की भावपूर्ण समीक्षा की है। उन्होंने अपने फेसबुक वाल पर लिखा है कि यह फिल्म देश को गति और शक्ति देने एवं देशवासियों के चेहरे और हर घर को रौशन करने के लिए, प्रकृति के विपरीत काम करने और फिर उस प्रकृति को सहेजने में लगे कोल इंडियंस योद्धाओं की जीवनी जैसी है। फिल्म का भाव एक रोलरकोस्टर जैसा है जिसमें छूटने, अकेला कर दिए जाने का गहरा बोध ,विपरीतभावात्मक तनाव, दशहत से भरे दृश्य, उनींदी रातें, अपने साथ काम कर रहे साथियों को खोने का डर, सीमित संसाधनों की चुनौती, गहन आत्म-संघर्ष, परिवार में भरते असुरक्षा के भाव, तालमेल और शब्दों से परे एवं समझदारी से न खत्म होती चुनौतियों से जीतते जाने की आदत को भली-भांति दर्शाया गया है। फ़िल्म एक व्यक्ति पर तो है लेकिन यह सभी कोल इण्डियन्स के ज़िंदगी का कोलाज है।
एसईसीएल के सभी संचालन क्षेत्रों में भी सभी अधिकारी-कर्मचारियों के लिए फिल्म की निःशुल्क स्क्रीनिंग की जा रही है।

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