छात्रों को पर्यावरण से जुड़ी परियोजनाओं पर काम करने के लिए प्रेरित किया वक्ताओं ने

बिलासपुर। डीपी विप्र कॉलेज में महाविद्यालय की स्वर्ण जयंती के अवसर पर विज्ञान संकाय की ओर से पर्यावरण की मौजूदा प्रवृत्ति विषय पर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में विषय विशेषज्ञों ने प्रदूषण के दुष्प्रभावों पर प्रकाश डाला और हानिकारक तत्वों को दूर करने के लिए किये जा रहे नये प्रयोगों तथा शोधों की जानकारी दी।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महाविद्यालय प्रशासन समिति के अध्यक्ष अनुराग शुक्ला ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति सजग रहने का आह्वान किया और इसे चुनौती के रूप में लेने के लिए कहा। कार्यक्रम की अध्यक्ष करते हुए आरटीएम विश्वविद्यालय नागपुर के प्रो. एस.जे. ढोबले ने छात्रों को पर्यावरण क्षेत्र में प्रोजेक्ट कार्य लेने के लिए प्रोत्साहित किया। की नोट स्पीकर यूएनडीपी नई दिल्ली के प्रोग्राम ऑफिसर रोहित कुमार मसकरा ने प्लास्टिक के दुष्प्रभाव पर प्रकाश डाला। रिसोर्स पर्सन प्रो. डब्ल्यू बी. गुरुमुले ने नैनो तकनीक के जरिये प्रदूषण से पैदा होने वाले हानिकारक तत्वों को दूर करने की तकनीक को समझाया। डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक विवेक शर्मा ने पर्यावरण संरक्षण के लिए चल रही विभिन्न परियोजनाओं के लाभ पर बात रखी। प्रथम सत्र के चेयर पर्सन प्रो. गुरुमुले, द्वितीय तकनीकी सत्र के चेयर पर्सन डॉ. शरद बाजपेयी व प्रो. एसजे ढोबले तथा तृतीय सत्र की चेयर पर्सन प्रो. किरण बाजपेयी थी। तकनीकी सत्र का संचालन प्रो. ऋचा हाण्डा ने किया।

कार्यक्रम में प्रशासनिक समिति अध्यक्ष शुक्ला को पर्यावरण, वन सम्पदा व अन्य सामाजिक कार्यों के लिए सम्मानित किया गया। प्रभारी प्राचार्य डॉ. संजय कुमार तिवारी व संगोष्ठी के संयोजक डॉ. एमएल जायसवाल ने अतिथियों को शाल, श्री फल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। स्वागत उद्बोधन संगोष्ठी के सचिव डॉ. विवेक अम्बलकर ने दिया। उद्घाटन सत्र का संचालन छात्रसंघ प्रभारी प्रो. एम.एस. तम्बोली ने किया।

 

 

 

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