बिलासपुर। सरकारी स्कूलों में संसाधनों के अभाव और पारिवार के आर्थिक संकट के बावजूद कई बच्चों ने अपने नतीजों के जरिये पालकों और शिक्षकों को हैरान कर दिया। इनमें कुछ प्रावीण्य सूची में जगह नहीं बन पाये पर वे इसके बहुत करीब रहे। ऐसे ही बच्चों में प्रदीप राजपूत हैं, जिनके पिता रिक्शा चलाते हैं।

प्रदीप शासकीय हायर सेकेन्डरी स्कूल बहतराई में अध्ययनरत हैं। 10वीं बोर्ड परीक्षा में प्रावीण्य सूची की 97.5 प्रतिशत पर आकर रुकी। जबकि प्रदीप ने 96 प्रतिशत अंक हासिल किये हैं। प्रदीप की मां घरों में काम करके अपने बेटे की शिक्षा का खर्च उठाती है। प्रदीप को लगातार अच्छे अंक मिलने के कारण प्रतिभावान छात्रों को मिलने वाली स्कॉलरशिप भी अब मिलने लगी है।

इसी स्कूल की जागृति साहू ने भी 92.5 प्रतिशत अंक अर्जित किये। पासीद के शासकीय स्कूल के छात्र हितेश दास मानिकपुरी ने भी 97 प्रतिशत अंक अर्जित कर अपने परिवार और स्कूल का नाम रौशन किया।

प्रदीप राजपूत बताते हैं कि उन्हें उनकी मां के अलावा शाला की प्राचार्य स्मिता चोपड़े से मार्गदर्शन मिलता है। उसका लक्ष्य है कि 12वीं बोर्ड में इससे भी अच्छे नंबर लेकर आये।

शहर के नजदीक की कई शालाओं में उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थियों का प्रतिशत अच्छा रहा। बोर्ड परीक्षाओं में बहतराई स्कूल हमेशा 90 प्रतिशत से अधिक बच्चे पास होते रहे हैं। इसी तरह से पासीद और बरतोरी के स्कूलों का अच्छा प्रदर्शन रहा है। शहर के राजेन्द्र नगर स्थित शाला में भी इस बार 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों ने बोर्ड परीक्षाओं में सफलता अर्जित की।

इसके विपरीत शहर के कई बड़े स्कूलों बहुउद्देशीय उ मा शाला, महारानी लक्ष्मी बाई स्कूल, कन्या सरकंडा स्कूल, बालक सरकंडा स्कूल में सफल होने वाले बच्चों की संख्या आनुपातिक रूप से कम रही।

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