पांच जिलों में लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम का उद्घाटन किया सीजे सिन्हा ने

बिलासपुर। लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम का मुख्य उद्देश्य कमजोर एवं गरीब वर्गों को विधिक सहायता दिलाना है। संविधान के नीतिगत सिद्धांतों के अनुसार इस वर्ग को मुफ्त विधिक सहायता के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता। इसके अलावा उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली विधिक सहायता एवं सलाह भी प्राप्त होनी चाहिये।  उक्त बातें छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधिपति व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के मुख्य संरक्षक जस्टिस रमेश सिन्हा ने छत्तीसगढ़ के बालोद, बेमेतरा, दंतेवाड़ा, जशपुर एवं कोण्डागांव में स्थापित होने वाले लीगल एड डिफेंस कौंसिल  सिस्टम के वर्चुअल मोड पर उच्च न्यायालय से उद्घाटन करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति, जनजाति, जेल में निरूद्ध बंदी, महिला  एवं बच्चों, प्राकृतिक आपदा के पीड़ित, जिनकी आय डेढ लाख से कम हो, वरिष्ठ नागरिक, कैंसर रोगी, एचआईव्ही पीड़ित, थर्ड जेंडर व मानसिक रोगी, जो इस निःशुल्क विधिक सहायता की पात्रता की श्रेणी में आते हैं, उन्हें उक्त विधिक सेवा का लाभ मिलना चाहिये।

सालसा के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत बिलासपुर में स्थापित लीगल एड डिफेंस कौंसिल  सिस्टम की सफलता के कारण ही नालसा के निर्देश पर दूसरे चरण में 17 जिलों तत्पश्चात् शेष 5 जिलों में आज इसकी शुरूआत की जा रही है। उन्होंने उक्त सिस्टम के लिए नियुक्त चीफ, डिप्टी एवं असिस्टेंट कौंसिल को अच्छे से कार्य करने की अपेक्षा करते हुए जरूरतमंद व्यक्तियों को अधिक से अधिक विधिक सहायता प्रदान करने की बात कही।

सालसा के सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल ने छत्तीसगढ़ के लिए इसे एक ऐतिहासिक अवसर बताते हुए न्यायाधीशों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की और उपस्थित सभी अतिथियों एवं विडियो कान्फेसिंग के जुड़े जिला न्यायाधीश, सचिव, एवं कौंसिल का आभार व्यक्त किया।

ज्ञात हो कि प्रथम चरण में बिलासपुर जिले में पायलट प्रोजेक्ट के तहत लीगल एड डिफेंस कौंसिल सिस्टम की शुरूआत फरवरी, 2020 में की गई, तत्पश्चात इसके विस्तारित करते हुए जनवरी, 2023 में 17 जिलों फिर अप्रैल, 2023 में शेष 5 न्यायिक जिलों में इसकी शुरूआत की गई है।

पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्थापित लीगल एड डिफेंस कौंसिल  सिस्टम के अंतर्गत सत्र न्यायालयों में लंबित सत्र प्रकरण, आपराधिक अपील, आपराधिक पुनरीक्षण एवं जमानत  आवेदनों पर अभियुक्त या अनावेदक की ओर से पैरवी की जाती है,  जिसे द्वितीय एवं तृतीय चरण में कार्य क्षेत्र में विस्तार करते हुए सत्र न्यायालयों एवं मजिस्टेªट न्यायालयो में प्रकरणों को भी शामिल कर लिया गया है।

उपरोक्त वर्चुअल समारोह में जस्टिस पी।सैम कोशी, जस्टिस संजय अग्रवाल, जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल, जस्टिस पी।पी। साहू, जस्टिस एन।के। व्यास, जस्टिस एन।के।चन्द्रवंशी, जस्टिस दीपक कुमार तिवारी, जस्टिस राकेश मोहन पाण्डेय, जस्टिस राधाकिशन अग्रवाल, रजिस्ट्रार जनरल अरविंद कुमार वर्मा, राज्य न्यायिक एकेडेमी की डायरेक्टर सुषमा सांवत, रजिस्टी के अन्य अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अवर सचिव कामिनी जायसवाल ने किया। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायाधीश, अध्यक्ष, सचिव और लीगल एड डिफेंस कौंसिल उपरोक्त कार्यक्रम में वर्चुअल मोड से शामिल हुए।

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