बिलासपुर। मुंबई के कार डिजाइनर दिलीप छाबड़िया को तेलीबांधा रायपुर पुलिस कभी भी गिरफ्तार कर सकती है। धोखाधड़ी के मामले में 2017 से मिले स्टे को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान हटा दिया है।
जानकारी के मुताबिक वंदना पावर लिमिटेड रायपुर के प्रहलाद अग्रवाल ने मुंबई के कार डिजाइनर दिलीप छाबड़िया को 88 लाख रुपये और दो हौंडा सिटी कार दिये थे, जिनको बुगाती की डिजाइन में बदलकर देना था। बाद में जब कार लौटाई गई तो पता चला कि छाबड़िया ने दूसरी कारों को डिजाइन करके दे दिया है। छाबड़िया को जो कारें मॉडिफाइड करने दी गई थी उनका छत्तीसगढ़ आरटीओ से रजिस्ट्रेशन था, जबकि जो कारें लौटाई गई, वे महाराष्ट्र की थीं। जब इस पर अग्रवाल ने आपत्ति जताई तो छाबड़िया ने 45 लाख रुपए लौटा दिए पर वंदना पावर की कारों को तथा बाकी रकम वापस नहीं की।  इस पर प्रहलाद अग्रवाल ने तेलीबांधा थाने में छाबड़िया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई।
सन 2017 में दर्ज कराई गई रिपोर्ट पर कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग करते हुए छाबड़िया ने हाईकोर्ट में याचिका लगाकर स्टे ले लिया।
इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट में जस्टिस इनके व्यास की सिंगल बेंच में बुधवार को हुई। इसमें कोर्ट ने छाबड़िया को दी गई राहत वापस ले ली और स्टे हटाते हुए पुलिस को आवश्यक कार्रवाई करने की छूट दी है।
लग्जरी गाड़ियों के डिजाइनर दिलीप छाबड़िया के खिलाफ इसी साल जनवरी माह में कॉमेडियन कपिल शर्मा ने मुंबई क्राइम ब्रांच की क्रिमिनल इंटेलिजेंस यूनिट में 5.70 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था। कपिल शर्मा ने आरोप लगाया था कि रकम देने के बावजूद भी उसे वैनिटी वैन की छाबड़िया ने डिलीवरी नहीं दी।
छाबड़िया को मुंबई क्राइम ब्रांच पुलिस ने इसके भी पहले दिसंबर 2020 में गिरफ्तार किया था और कोर्ट ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था। छाबड़िया पर कुछ गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों से गलत दस्तावेज और जानकारी के आधार पर ऋण लेने का आरोप था। छाबड़िया के पुणे स्थित कारखाने में छापा मारकर मुंबई पुलिस ने 14 कारें और 40 इंजन भी जब्त किए थे।

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