बिलासपुर। महाधिवक्ता कार्यालय से आज एक और इस्तीफा हो गया। अतिरिक्त महाधिवक्ता विवेक रंजन तिवारी ने अपना पद छोड़ने का पत्र विधि सचिव को सौंपा है।
तिवारी ने अपने इस्तीफे में निजी प्रैक्टिस में व्यस्त होने का हवाला दिया है। साथ ही कहा है कि 2 साल तक इस सम्मानजनक पद पर कार्य करने का मौका मिला, इसके लिए मैं सभी का आभारी हूं।
ज्ञात हो कि इसके पहले एक और एडिशनल एजी फोजिया मिर्जा और दो डिप्टी एजी सलीम काजी और मतीन सिद्दीकी त्यागपत्र दे चुके हैं। कांग्रेस सरकार बनने के बाद महाधिवक्ता पद पर कनक तिवारी को नियुक्ति दी गई थी। कुछ ही समय बाद उनकी जगह पर सतीश चंद्र वर्मा को महाधिवक्ता बनाया गया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया था कि कनक तिवारी ने स्वयं अपने पद से इस्तीफा दिया है। हालांकि तिवारी ने दावा किया कि उन्होंने इस्तीफा कभी नहीं दिया है। अब तक हाईकोर्ट में नियुक्त दो गवर्नमेंट एडवोकेट भी इस्तीफा दे चुके हैं।
तिवारी ने ‘bilaspurlive’ से बात करते हुए बताया कि उन्हें अब निजी प्रैक्टिस में समय देना है, जो वर्तमान पद पर रहते हुए नहीं दे पा रहे थे। उल्लेखनीय है कि तिवारी सहकारिता क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त करने वाले तथा अनेक बार सांसद रहे स्व. राम गोपाल तिवारी के पोते हैं। उनके परिवार की पृष्ठभूमि कांग्रेस से जुड़ी हुई है। खुद विवेक रंजन तिवारी एनएसयूआई (कांग्रेस) में प्रदेश स्तर पर विभिन्न पदों पर रहे हैं।

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