नईदिल्ली: दिल्ली समेत उत्तर भारत के ज्यादातर हिस्सों में वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर बनी हुई है और दिनों दिन यह और खराब ही हो रही है। दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही है। वायु प्रदूषण को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को राष्ट्रपति से मंजूरी मिल गई है।

इसके तहत दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदुष्ण से निपटने के लिए 17 सदसिय वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग का गठन किया जाएगा। वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने पर 5 साल तक की कैद और 1 करोड़ रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान है।

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग द्वारा बनाए गए नियमों में बदलाव करने का अधिकार सिर्फ संसद के पास होगा। आयोग के आदेशों को सिर्फ NGT में ही चुनौती दी जा सकेगी। द्रीय पर्यावरण मंत्रालय का संयुक्त सचिव स्तर का अधिकारी भी इसका सदस्य होगा। इस आयोग में एक-एक सदस्य दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से होंगे।

16 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने बढ़ते वायु प्रदूषण पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट के ही सेवानिवृत्त न्यायाधीश मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता में एक सदस्यीय कमेटी के गठन का आदेश दिया था। कमेटी को वायु प्रदूषण कम करने और पराली जलाने पर रोक के लिए उत्तर प्रदेश, हरियाणा व पंजाब की सरकारों द्वारा उठाए गए कदमों की निगरानी करनी थी। कोर्ट ने दिल्ली और बाकी तीनों राज्यों के मुख्य सचिवों तथा पर्यावरण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) को लोकुर कमेटी का सहयोग करने का आदेश दिया था

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