शिष्यों ने उनके संगीतबद्ध गीतों को गाकर दी श्रद्धांजलि

बिलासपुर। विख्यात रंगकर्मी काव्य भारती के संस्थापक मनीष दत्त की 80वीं जयंती उनके शिष्यों ने देश में व्याप्त कोरोना वायरस संकट के चलते अपने अपने घरों में ही स्मरण कर,उनके निर्देशन में संगीत बद्ध गीतों को गाकर मनाया और अपने अनुभवों तथा संस्मरणों को ऑनलाइन शेयर किया। उनका बीते 22 फरवरी को निधन हो गया था।

प्रातः 8 बजे से ही उनके शिष्य रतन बसक, रत्ना मिश्रा, गौरव गुलहरे, अखिलेश बाजपेयी, अजय श्रीवास्तव, अक्षय जैन, डॉ. चन्द्र नाथ बाजपेयी, प्रो.किरण बाजपेयी, मंगला देवरस, डॉ अजय पाठक, विनोद वर्मा, सतीश भोई, महेश श्रीवास, आचार्य गिरधर शर्मा आदि ने गीतों की रिकॉर्डिंग और संस्मरण का संदेश शेयर किया।

विकास नगर 27 खोली स्थित में पं.गंगा प्रसाद बाजपेयी, चन्द्र प्रभा बाजपेयी व  ने दादा के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रवजलित कर कलिंदर काटा जो दादा पसंद करते थे। न्यायमूर्ति चन्द्र भूषण बाजपेयी (अध्यक्ष राज्य उपभोक्ता संरक्षण आयोग रायपुर), पूर्व विधायक चन्द्र प्रकाश बाजपेयी, अधिवक्ता चन्द्र शेखर बाजपेयी, पूर्व पार्षद चन्द्र प्रदीप बाजपेयी, डॉक्टर चन्द्र नाथ बाजपेयी सहित परिवार की अंजना बाजपेयी, डॉ. उषा किरण, डॉ. रश्मि, श्रीमती शिखा, भावना, अंजलि चन्द्र आर्या आदि सभी जनों ने पुष्प अर्पित कर उन्हें स्मरण किया। उक्त अवसर पर उनके निर्देशित कई गीतों की रिकाडिंग का आनंद भी प्राप्त किया। सभी ने अपने अनुभव वाट्स अप ग्रुप में शेयर किया।

उन्हें स्मरण करते हुये चन्द्र प्रकाश बाजपेयी ने कहा महान तपस्वी साधक जिसने 67 वर्षों में देश के प्रतिष्ठित कवियों के लगभग दो हजार गीतों को संगीत बद्ध किया व 150 से अधिक काव्य नाटिकाओं का प्रणयन कर उन्हें मंचस्थ भी किया उनकी इच्छा हिंदी का नया शान्ति निकेतन काव्य भारती विद्यापीठ की स्थापना की थी जिसे हम सभी कलाप्रेमी, शिष्य मिलकर आगे बढ़ायेंगे। आने वाले वर्षों में उनका भव्यता से जन्म दिवस मनाया जायेगा ।

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