बिलासपुर, 05 जुलाई। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के निर्देशानुसार पूरे देश में 10 जुलाई 2021 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। इसी अनुक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य में भी तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में 10 जुलाई 2021 को नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें राजीनामा योग्य प्रकरणों को पक्षकारों की आपसी सुलह समझौता से निराकृत किया जायेगा। यह इस वर्ष की पहली नेशनल लोक अदालत होगी।

उक्त लोक अदालत में पक्षकार अपने निकटस्थ के व्यवहार न्यायालय, जिला न्यायालय या विधिक सेवा संस्थान से संपर्क कर अपने प्रकरणों को अपनी भौतिक उपस्थिति के अतिरिक्त वर्चुअल मोड के द्वारा भी जुड़कर अपने प्रकरणों का निराकरण करा सकते हैं।

न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा, कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एवं कार्यपालक अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, बिलासपुर के निर्देशानुसार मजिस्ट्रेट को स्पेशल सीटिंग की शक्ति प्रदान की गई है, जिसके चलते मजिस्ट्रेट अपनी शक्तियों का प्रयोग कर राजीनामा के अतिरिक्त छोटे मामलों में स्वीकृति के आधार पर दंड प्रक्रिया संहिता एवं मामूली अपराध के प्रकरणों को भी रखा जाकर निराकृत किया जायेगा। साथ ही कोरोना काल में आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के अंतर्गत दर्ज प्रकरणों का भी निराकरण किया जायेगा।

उक्त लोक अदालत में फैमिली कोर्ट, स्थायी लोक अदालत, श्रम न्यायालयों के प्रकरण, बैंक वसूली, बिजली, पानी, श्रम न्यायालय मोटर दुर्घटना के प्रकरण, वैवाहिक मामले, धारा 138 चेक बाउंस मामले, समस्त सिविल मामले जो न्यायालय में लंबित है, इसके अलावा ऐसे मामले जो न्यायालय में अभी पेश नहीं हुए हैं, (प्री-लिटिगेशन) को निराकृत किया जायेगा। के साथ ही पक्षकारों के मध्य लोक अदालत की तिथि के पूर्व प्री-सिटिंग के माध्यम से भी प्रकरणों को निराकृत किये जायेंगे।

उपरोक्त नेशनल लोक अदालत हेतु अब तक सभी जिला न्यायालयों के द्वारा प्री-लिटिगेशन के 12078 प्रकरण, लंबित के 23474 प्रकरण, इसी प्रकार उच्च न्यायालय के द्वारा 474 लंबित प्रकरणों को चिन्हांकित किये जा चुके हैं उक्त लोक अदालत हेतु कुल 322 खण्डपीठों का भी गठन भी किया गया है।

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