संघर्ष समिति ने ध्यान खींचा, जल्द कार्रवाई की मांग

बिलासपुर। नई राज्य सरकार द्वारा बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट के लिए सेना से जमीन वापसी के प्रकरण पर ध्यान नहीं दे रही है। पूर्व की सरकार ‌ने चार माह पहले ही 90 करोड़ रुपये केंद्रीय रक्षा मंत्रालय को प्रदान कर दी है। सेना की एनओसी भी मिल गई है, परन्तु बिना किसी कारण यह जमीन का मामला लटका हुआ है। चुनावों के दौरान यह राजनैतिक देरी लग रही थी परन्तु अब एक महीना से अधिक बीत गया है, स्थिति जस की तस है।

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने कहा कि बिलासा एयरपोर्ट का विस्तार सरकार की प्राथमिकता सूची में शामिल होना चाहिए। कम से कम 285 एकड़ जमीन जल्द से जल्द सेना से वापस लेना चाहिए ताकि 4सी श्रेणी तक एयरपोर्ट का विस्तार हो सके। पूरी 1012 एकड़ वापस होने पर एयरपोर्ट पर विकास के अन्य कार्य हो सकेंगे।

समिति ने कहा कि एलायंस एयर केंद्र सरकार के अधीन काम करने वाली कंपनी है। कंपनी ने 31 अक्टूबर को बिलासपुर दिल्ली सेक्टर की सीधी उड़ान रद्द कर दी। यह बिलासपुर के साथ अन्याय है। सीधी उड़ान का शुरुआती किराया 7000 रुपये रखा गया था जो टैक्स के बाद 7300 पहुंच रहा था। इसके बावजूद फ्लाइट को अच्छा रिस्पांस मिल रहा था। आगे के दिनों की भी अच्छी बुकिंग मिल रही थी, फिर भी फ्लाइट बंद कर दी गई है।

ज्ञात हो कि हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का सुविधाओं के विस्तार की मांग पर लगातार महाधरना आंदोलन चल रहा है।

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