कलेक्टर डॉ. अलंग ने लिया व्यवस्था का जायजा

बिलासपुर। केन्द्रीय जेल में कैद भाइयों की कलाई में राखी बांधने के लिए  हजारों की संख्या में महिलाएं पहुंची। स्वतंत्रता दिवस और रक्षा बंधन के एक साथ होने के कारण जेल प्रशासन ने खास इंतजाम किया था। इस मौके पर स्व. नंद कुमार पटेल फाउन्डेशन की ओर से भंडारा भी रखा गया, जिसमें पांच हजार से अधिक मुलाकातियों ने भोजन किया। यह सिलसिला कई साल से चल रहा है, जायजा लेने के लिए पहुंचे कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने इस प्रयास की प्रशंसा की।

हर साल की तरह इस बार भी केन्द्रीय जेल में रक्षाबंधन पर्व को लेकर विशेष तैयारी की गई थी। स्वतंत्रता दिवस भी आज ही मनाया गया। जेल प्रशासन ने पहले से ही उन महिलाओं का पंजीयन कर लिया था जिन्हें अपने भाईयों को राखियां बांधनी थी। सुबह से ही दूर-दराज से आई बहनों का तांता लगा रहा, जिन्हें बेरिकेड्स बांधकर कतारबद्ध किया गया और भाईयों से मुलाकात कराई गई। वे अपने साथ भाईयों के लिए उपहार व पकवान भी लेकर आई थीं, जिनकी जांच पड़ताल जेल प्रशासन द्वारा की जा रही थी। जेल प्रशासन के मुताबिक करीब 10 हजार महिलाओं ने जेल में बंद अपने भाईयों को राखी बांधी। इन महिलाओं की सुरक्षा, विश्राम के लिए छायादार जगह, शौचालय और पेयजल की व्यवस्था का जायजा कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने लिया और जेल अधीक्षक को आवश्यक निर्देश भी दिया।

कलेक्टर डॉ. अलंग ने स्व. नंदकुमार पटेल फाउन्डेशन की ओर से केन्द्रीय जेल के बाहर लगाये गए भंडारे की तारीफ की। यह भंडारा बीते कुछ सालों से हर बार लगाया जाता है। फाउन्डेशन के संयोजक डॉ. विवेक बाजपेयी (चीका) ने बताया कि इस बार भी करीब छह हजार लोगों को भोजन कराया गया। उन्होंने कहा कि जेल में बंद भाईयों से मिलने दूर-दराज से महिलाएं खर्च करके यहां पहुंचती है। उन्हें भोजन के लिए बाहर जाने में भी असुविधा होती है, इसे देखते हुए कांग्रेस नेता स्व. पटेल की स्मृति में यह भंडारा चलाया जाता है। उनकी टीम में गोपाल दुबे, नीरज अवस्थी, देवेन्द्र सिंह, सुमित दुआ आदि भी शामिल हैं। जेल में समय-समय पर फाउन्डेशन अन्य गतिविधियां चलाती है। विशेषकर उन बच्चों के साथ जन्मदिन भी मनाया जाता है जिन्हें अपने माता-पिता के निरुद्ध होने के कारण जेल परिसर में रखा गया है।

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