बिलासपुर। अधिवक्ता अवध त्रिपाठी के बार कौंसिल की सदस्यता से निलम्बन की कार्रवाई पर हाईकोर्ट ने स्थगन दे दिया है।

त्रिपाठी ने रायपुर के एक अधिवक्ता अमर गुरुबक्षाणी के निलम्बित करने के आदेश को एक अन्य याचिका में हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। इसमें हाईकोर्ट ने गुरुबक्षाणी के पक्ष में स्थगन आदेश दिया था। इसके बाद त्रिपाठी को तीन माह के लिए निलम्बित करने का आदेश बार कौंसिल के अध्यक्ष प्रभाकर सिंह चंदेल ने जारी किया था। इसके खिलाफ एक रिट याचिका अधिवक्ता संदीप दुबे व राजेश केशरवानी के माध्यम से त्रिपाठी ने दायर की। याचिका में कहा गया कि बार कौंसिल के अध्यक्ष ने निलम्बन आदेश स्वयं की शिकायत पर अकेले कार्रवाई करते हुए जारी किया है, जो अधिवक्ता अधिनियम का उल्लंघन है। इससे न्यायालय की भी अवमानना हुई है।

याचिका पर जस्टिस गौतम भादुड़ी की कोर्ट में सुनवाई हुई। स्टेट बार कौंसिल की ओर से अधिवक्ता सौरभ पांडेय ने वकालतनामा पेश किया किन्तु वे पैरवी के लिए नहीं पहुंचे। प्रकरण की सुनवाई 45 मिनट के लिए स्थगित कर फिर शुरू की गई।  कोर्ट के डिस्प्ले बोर्ड में उनका नाम चलाया गया लेकिन वे फिर भी उपस्थित नहीं हुए। इस बात का उल्लेख हाईकोर्ट ने अपने आदेश में किया है।

कोर्ट ने निलम्बन आदेश पर स्थगन दे दिया है और अधिवक्ता त्रिपाठी पूर्ववत् पैक्टिस कर सकेंगे।

 

 

 

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