बिलासपुर। अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद् की मार्गदर्शक गोवा की पूर्व राज्यपाल और विकलांग विमर्श की प्रथम उपन्यासकार मृदुला सिन्हा के असामयिक निधन पर परिषद् ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

एक श्रद्धांजलि कार्यक्रम में राष्ट्रीय विकलांग विमर्श शोध पीठ के निदेशक डॉ. विनय पाठक ने कहा कि उनका राजनीतिक और सामाजिक अवदान उल्लेखनीय है। उनका सन् 1981 में प्रकाशित ‘ज्यों मेहंदी को रंग’ उपन्यास को विकलांग विमर्श का प्रथम समग्र उपन्यास था।

डॉ० पाठक ने उनके साथ सम्मिलित समारोहों की चर्चा की। मदन मोहन अग्रवाल राष्ट्रीय महामंत्री अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद् के राष्ट्रीय महामंत्री मदन मोहन मालवीय तथा राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेन्द्र अग्रवाल राजू ने परिषद् के पदाधिकारियों व सदस्यों के सम्मान कार्यक्रम को अविस्मरणीय निरूपित किया। उस समय उनकी ओर से मिले आमंत्रण में डॉ. द्वारिका प्रसाद अग्रवाल के नेतृत्व में परिषद के सक्रिय कार्यकर्ता उपस्थित थे। श्रद्धांजलि कार्यक्रम में 2 मिनट मौन रखकर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई । कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अभिनेष जैन ने किया ।

अखिल भारतीय विकलांग चेतना परिषद् के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेंद्र राजू अग्रवाल को उक्त अवसर राज्यपाल की आसंदी से डॉ  मृदुला सिन्हा ने गोवा के राजभवन में उत्कृष्ट कार्य हेतु सम्मानित किया था।

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