जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की निगरानी रहेगी, प्रतिदिन की रिपोर्ट देनी होगी

बिलासपुर। घर पर रहकर इलाज कराने के इच्छुक कोविड-19 पीड़ित बिना लक्षण वाले मरीजों के लिये राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने विस्तृत निर्देश जारी किया है।

इसमें कहा गया है कि जिला प्रशासन के उत्तरदायित्व में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के निगरानी एवं संपूर्ण प्रबंध किया जायेगा। जिला स्तर पर चौबिसों घंटे कॉल सेंटर एवं कंट्रोल रूम की स्थापना की जाएगी। अनुमति देने से पहले मरीजों के आइसोलेशन की पात्रता के संबंध में जिला कंट्रोल रूम द्वारा आकलन किया जाएगा। मरीज के लिये अलग शौचालय होना अनिवार्य है। यदि मरीज के घर में अलग कमरे न हो तो मरीज के लिए कोविड केयर सेंटर में व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। उनके घर के बाहर लाल रंग का स्टीकर निर्धारित प्रारूप में चिपकाया जायेगा। मरीजों को उपचार के लिए दवाइयों का एक किट दिया जाएगा। उपचार की अवधि के दौरान जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियुक्त स्वास्थ्य कर्मी के माध्यम से वे 24 घंटे कंट्रोल रूप से संपर्क में रहेंगे। सांस लेने में समस्या जैसी गंभीर स्थिति आने पर मरीजों का प्रबंधन रैपिड एक्शन टीम द्वारा किया जायेगा।

निर्देश की अवहेलना करते पर मरीज के विरुद्ध महामारी अधिनियम के प्रावधानों के उल्लंघन के अंतर्गत कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी। मरीज के परिजनों एवं पड़ोसियों को भी होम आइसोलेशन के बारे में सूचित किया जायेगा ताकि पूरी अवधि में वे दूरी बनाते हुए उनका मनोबल बनाए रखने में सहयोग करें। मरीजों की समस्त सूचना वार्ड तथा पंचायत के कार्यालय में उपलब्ध होगी।

किसी भी परिचित, मित्र को मरीज और उसके साथ घर पर रहे परिजनों से मिलने की अनुमति नहीं होगी। नौकर, माली, गार्ड, ड्राइवर आदि का प्रवेश भी प्रतिबंधित रहेगा।

पल्स ऑक्सीमीटर व थर्मामीटर की व्यवस्था मरीज भी मरीज को सुनिश्चित करनी होगी। निर्धारित पपत्र में प्रतिदिन मरीज की स्थिति की जानकारी जिला स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी। यदि मरीज अपने परिचित किसी निजी चिकित्सक की निगरानी में उपचार कराना चाहते हैं तो उन्हें भी प्रतिदिन की जानकारी निर्धारित प्रपत्र में स्थानीय स्वास्थ्य विभाग को देनी होगी।

 

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