बिलासपुर. अटल बिहारी वाजपेई विश्व विद्यालय के आभासी योग साप्ताहिक यज्ञ के अंतिम पूर्णाहुति दिवस 24 जून का कार्यक्रम बहुत ही महत्वपूर्ण व प्रासंगिक रहा । कार्यक्रम का मुख्य विषय “वर्तमान समय में योग व आयुर्वेद का महत्व एवम प्रासंगिकता” रहा । सुबह के सत्र की शुरुआत कार्यक्रम अध्यक्ष कुलपति डॉ. अरुण दिवाकर नाथ बाजपेई ने दीप प्रज्वलन व शंख ध्वनि के माध्यम से किया । उन्होंने अपने विशेष उद्बोधन के माध्यम से बतलाया कि जिस प्रकार दीप अंधकार का नाश करता है उसी प्रकार योग रूपी दीपक अज्ञान व रोग रूपी अंधकार का नाश करता है। वर्तमान समय में आसन प्राणायाम मुद्रा बंध षटकर्म इत्यादि यौगिक क्रियाएं सभी के द्वारा की जानी चाहिए। जिससे स्वास्थ्य रक्षा के साथ साथ परमात्म तत्व की प्राप्ति भी संभव है। यह प्राचीन ऋषियों महर्षियों के द्वारा दिया हुआ अद्भुत ज्ञान है। इसे प्रत्येक व्यक्ति को अपनी दिनचर्या में धारण कर अपने जीवन को स्वस्थ व समुन्नत बनाना चाहिए। सुबह के कार्यक्रम के विशिष्ट अनुदेशक मोनिका पाठक रही। उन्होंने से सूक्ष्म व्यायाम, सूर्य त्राटक क्रिया पर्वतासन, भुजंगासन वक्रासन, मंडूकासन और 5 प्रकार प्राणायाम कराया।


शाम के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शैलेष पांडेय विधायक बिलासपुर रहे। उन्होंने बतलाया कि योग आत्मा का अनुशासन है। इसे सभी आयु वय के व्यक्तियों द्वारा किया जाना चाहिए और इसे मुख्य विषय के रूप में लागू किया जाना चाहिए जिससे सभी योग युक्त हो सकें। योग कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आचार्य प्रतिष्ठा मोक्षयातन योग संस्थान रही। उन्होंने योग केवल प्रदर्शन नहीं पूर्ण संपूर्ण दर्शन है योग को योग ही रखा जाना चाहिए योगा नहीं।


कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में डॉ. संजय अग्रवाल प्रमुख भारतीय योग संघ छत्तीसगढ़ रहे। उन्होंने बतलाया कि योग अपने जीवन विचारो और व्यवहारों में शुद्धि लाने की विशिष्ट तकनीक है और इस ऐतिहासिक आभासी योग सप्ताहिक यज्ञ की पूर्णाहुति पर सभी को साधुवाद दिया। योग विभाग के विभागाध्यक्ष एवम कार्यक्रम के संचालक डॉ. सौमित्र तिवारी ने बतलाया कि योग हमे शारीरिक स्वास्थ्य के साथ साथ मानसिक सामाजिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य की प्राप्ति कराता है।


कार्यक्रम का संयोजन कुलसचिव डॉक्टर सुधीर शर्मा ने किया
कार्यक्रम में सौमित्र तिवारी गौरव साहू, मोनिका पाठक एवं अतिथि व्याख्याता सत्यम तिवारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में अन्य विश्व विद्यालय के व्याख्याता, शोधार्थी, बड़ी संख्या में देश भर से युवा विद्यार्थी वर्ग, आम जनमानस उपस्थित रहे एवं कार्यक्रम को सफल बनाया।

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