बिलासपुर। मानसिक रोग हो जाने के बाद 15 साल पहले लापता हुई पश्चिम बंगाल की एक महिला अब आने वाले एक दो दिन के भीतर अपने परिवार वालों से मिल सकेगी। विधिक सेवा प्राधिकरण के देशभर में गठित इकाईयों के चलते यह संभव हो पाया है।

राज्य मानसिक स्वास्थ्य चिकित्सालय सेंदरी की ओर से बीते 26 जून को सूचित किया गया था कि अस्पताल में भर्ती पार्वती पारोई अब स्वस्थ हो चुकी है उन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जा सकती है। इस महिला को कोरबा पुलिस ने तीन साल पहले राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की मदद से मानसिक चिकित्सालय में भर्ती कराय था। बहुत प्रयासों के बाद महिला ने अपना नाम और साउथ 24 परगना जिले पश्चिम बंगाल का होना बताया था। स्वस्थ होने के बाद प्राधिकरण ने पुनर्वास की कार्रवाई शुरू की और साउथ 24 परगना में प्राधिकरण की जिला इकाई से उक्त महिला के संभावित निवास और परिजनों का पता करने कहा। वहां से सूचना मिली कि पार्वती तो नहीं लक्ष्मी पोरई नाम की एक महिला 15 साल पहले ग्राम दक्षिण शिबपुर, थाना फ्रेजरगंज कॉस्टल से लापता हुई थी, जब उसकी दिमागी हालत ठीक नहीं थी। उसके भाई गोपाल पोराई से सम्पर्क हो चुका है। इसके बाद महिला का फोटो मानसिक अस्पताल से लेकर दक्षिण 24 परगना के प्राधिकरण को वहां की राज्य इकाई के माध्यम से भेजा गया। भाई गोपाल ने तस्वीर देखकर पुष्टि की कि वह उसकी ही बहन है। पश्चिम बंगाल राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ने अनुरोध किया कि उक्त महिला को ट्रेन से हावड़ा भेज दिया जाये, उसके बाद उसे घर तक पहुंचा दिया जायेगा।

राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के विधिक सहायता अधिकारी शशांक शेखर दुबे ने बताया कि चीफ जस्टिस पी.आर. रामचंद्र मेनन, न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव सिद्धार्थ अग्रवाल, जिला न्यायाधीश संजीव टामक, जिला प्राधिकरण सचिव बृजेश राय के अलावा विशेष रेलवे मजिस्ट्रेट सर्व विजय अग्रवाल ने इस कार्रवाई को पूरा करने में विशेष रुचि ली। महिला को आज पश्चिम बंगाल के लिये ट्रेन से रवाना कर दिया गया है।

 

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