बिलासपुर, 5 जुलाई। कोनी थाना में पदस्थ एएसआई शैलेंद्र सिंह को आगामी आदेश तक लाइन अटैच कर दिया गया है। एएसआई पर अनुशानहीनता समेत अधिकारियों के आदेश की अवहेलना के अलावा अवैध वसूली के कई आरोप लगते रहे हैं। बताया जा रहा है कि आम आदमी से लेकर ऊंची पहुंच वाले रसूखदारों से भी शैलेंद्र सिंह उगाही करने से गुरेज नहीं करता था। लगातार मिल रही शिकायतों के बाद आखिरकार उन्हें अस्थाई तौर पर लाइन अटैच कर दिया गया है।

शैलेंद्र सिंह पर पहले भी लगे हैं गंभीर आरोप

एक वक्त में बिलासपुर के सिविल लाईन थाने में पदस्थ रहे ASI शैलेंद्र सिंह पर 4 मई 2018 को बीजापुर की एक आदिवासी लड़की को दो साल तक अपने घर पर बंधक बनाए रखने के आरोप में एट्रोसिटी और किडनैपिंग जैसी गंभीर धाराओं में FIR दर्ज हुई थी। उस वक्त जब लड़की को छुड़ाया गया तब उसकी दोनों आंखे लात से मारने के कारण खून सी लाल सूजी हुई थी। इतना ही नहीं डंडे से मारे जाने की वजह से लड़की की एक उंगली टूट कर टेढ़ी हो गई थी।

यह कोई पहला मामला नहीं

ये कोई पहला मामला नहीं है जब हाल फिलहाल में बिलासपुर के किसी पुलिस कर्मी पर विभागीय गाज गिरी हों। इससे पहले 30 जून को बिलासपुर जिले के पूर्व पुलिस कप्तान प्रशांत अग्रवाल ने हिर्री थाने में पदस्थ कांस्टेबल बबलू बंजारे को गो तस्करों से मिलीभगत के आरोप में निलंबित कर दिया था। जानकारी के मुताबिक बीते 24 जून की रात सकरी बाइपास पर बूचड़खाने ले जाए जा रहे मवेशियों से भरा एक ट्रक को कुछ सामाजिक संगठन से जुड़े लोगों ने पकड़ कर सकरी थाना पुलिस को सौंप दिया था। इस मामले में 5 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई गई थी जिसमें कांस्टेबल बबलू बंजारे का नाम भी शामिल था। प्रारम्भिक जांच के बाद आरक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की थी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here