एसईसीएल धर्मजयगढ़ से कोरबा तक विकसित करेगा रेल कॉरीडोर

बिलासपुर । प्रधानमंत्री गति शक्ति प्रोजेक्ट के अंतर्गत छत्तीसगढ़ में एसईसीएल द्वारा विकसित किए जा रहे रेल कॉरीडोर परियोजनाओं के कार्यान्वयन में महत्वपूर्ण सफलता मिली है। रायगढ़ के धर्मजयगढ़ से कोरबा तक विकसित किए जा रहे छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड द्वितीय चरण के लिए सोमवार को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में पब्लिक सेक्टर बैंक, सेन्ट्रल बैंक ऑफ इण्डिया व कॉरीडोर के प्रमोटरों के मध्य टर्म लोन डाक्यूमेंट पर हस्ताक्षर किए गए, इससे परियोजना को लगभग 1349 करोड़ रुपये की वित्तीय ऋण की स्वीकृति हासिल हो सकेगी।
छत्तीसगढ़ ईस्ट रेलवे लिमिटेड (सीईआरएल), एसईसीएल, इरकॉन तथा छत्तीसगढ़ राज्य का संयुक्त उद्यम है जिसमें सर्वाधिक 64 प्रतिशत हिस्सेदारी एसईसीएल की है। यह भारत-सरकार के चिन्हित स्पेशल रेलवे प्रोजेक्ट में शामिल है। यह परियोजना दो चरणों की है, जिसका पहला चरण शुरू कर दिया गया है। इसके जरिए रायगढ़ अंचल के मांड-रायगढ़ कोलफील्ड्स से कोयले के डिस्पैच में सहूलियत मिल रही है।
सीईआरएल के द्वितीय चरण में धर्मजयगढ़ से कोरबा को 62.5 किलोमीटर लम्बे रेलवे लाइन से जोड़ा जाएगा। इससे सीईआएल फेस-एक के तहत विकसित किए गए खरसिया-धर्मजयगढ़ लाइन तथा सीईडब्ल्यूआरएल के अंतर्गत विकसित किए जा रहे गेवरा-पेन्ड्रा रोड लाइन को जोड़ा जा सकेगा। इस रेल लाइन से देश के उत्तरी हिस्सों में कोयले के प्रेषण के लिए वैकल्पिक रेल रूट की सुविधा मिल सकेगी। यह खरसिया से पेन्ड्रा के बीच लिंक का काम करेगा, जिससे रायगढ़ कोलफील्ड्स तथा ओडिशा के बसुन्धरा कोलफील्ड्स से उत्पादित अतिरिक्त कोयले को देश के उत्तरी व पश्चिमी हिस्से में स्थित पावर प्लांट्स तक डिस्पैच में मदद मिलेगी।
सीईआरएल द्वितीय चरण परियोजना की अनुमानित लागत लगभग 1686 करोड़ रूपये है जिसमें ऋण व इक्विटी के तौर पर क्रमशः 80 प्रतिशत व 20 प्रतिशत की फंडिंग की जानी है। परियोजना मार्च 2026 तक पूरा हो जाने का अनुमान है।  नई दिल्ली में आज 28 अगस्त 2023 को हस्ताक्षरित टर्मलोन दस्तावेज से रेल कॉरीडोर परियोजना से जुड़े निर्माण कार्य जैसे पुल का निर्माण, पटरी बिछाना आदि में तेजी आएगी। छत्तीसगढ़ में रेल कॉरीडोर परियोजना के आने से सामाजिक, आर्थिक व पर्यावरणीय दृष्टिकोण से लाभ मिलने की आशा है।
इस अवसर पर एसईसीएल के निदेशक तकनीकी (संचालन) तथा चेयरमेन सीईआरएल एस.के. पाल, निदेशक (वित्त) जी. श्रीनिवासन, इरकॉन के निदेशक (वित्त) रागिनी आडवानी, एसईसीआर के सीटीपीएम वाई.के. चौधरी, रेल मंत्रालय के ईडी कोल, सीईआरएल के सीईओ रवि वल्लूरी सहित अन्य शीर्ष अधिकारी उपस्थित थे।
एसईसीएल कोल इण्डिया लिमिटेड के सबसे बड़े सब्सिडरी कम्पनियों में शामिल है। कम्पनी ने गत वर्ष 167 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया था। सीईआरएल फेस-टू परियोजना प्रधानमंत्री गतिशक्ति मिशन अंतर्गत महत्वपूर्ण राष्ट्रीय परियोजना के रूप में चिन्हित है।

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