बिलासपुर।राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की हाईपावर कमेटी की सिफारिश के बाद प्रदेश की जेलों से 501 कैदियों को रिहा कर दिया गया है। अभी करीब 1000 कैदियों की और रिहाई संभावित है।

रिहा पांच सौ कैदियों में 350 विचाराधीन कैदी हैं जिन्हें अंतरिम जमानत दी गई है। सजायाफ्ता 120 कैदियों को पैरोल पर छोड़ा गया है। इन सभी को फिलहाल 30 अप्रैल तक राहत मिली है।  इसी तरह 31 ऐसे कैदी रिहा कर दिये गये हैं जिनकी सजा लगभग पूरी हो चुकी है। ज्ञात हो कि पिछले शनिवार को हाईकोर्ट जस्टिस व राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष की एक हाईपावर कमेटी ने कोरोना महामारी की आशंका को देखते हुए जेलों से लगभग 1500 कैदियों की रिहाई का रास्ता निकाला था।

प्रदेश की जेलों में बंद छत्तीसगढ़ राज्य के निवासी ऐसे कैदी जिनको किसी मामले में अधिकतम सात साल की सजा हो सकती है या दी गई है उन्हें जेलों से रिहा करने का निर्णय लिया गया। ऐसे बंदी जिनके मामले की सुनवाई चल रही हो उन्हें 30 अप्रैल तक की निजी मुचलके पर अंतरिम जमानत दी जा रही है। ऐसे बंदी जिन्हें सात साल तक की सजा सुनाई जा चुकी है और जेल में तीन माह या उससे अधिक की अवधि व्यतीत कर चुके हों उन्हें 30 अप्रैल तक पैरोल पर छोड़ा जा रहा है। ऐसे कैदी जिन्हें सात साल की सजा मिल चुकी है और कैद की अवधि लगभग पूरी होने वाली है, उन्हें भी रिहा किया जा रहा है। इन बंदियों की ओर से अपने जिलों के विधिक सेवा प्राधिकरण में जिला जज की ओर से नियुक्त किये गये विशेष जजों के समक्ष प्रस्तुत किया जा रहा है।

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