भारत सरकार व विश्व स्वास्थ्य संगठन के नेतृत्व में बनेगा एक्शन प्लान, नवंबर में आयोजित होगी कार्यशाला

बिलासपुर। मानसिक स्वास्थ्य, स्वास्थ का ही एक अभिन्न अंग है इसी के मद्देनजर प्रदेश में गर्भावस्था से लेकर वयोवृद्धों के लिए विशेष मानसिक स्वास्थ्य सुविधा पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। गर्भवती महिलाओं, वयोवृद्धों, किशोरों और बच्चों को मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कराने के लिए एक एक्शन बनाया जाएगा जो भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अधिकारियों की देखरेख में तैयार होगा।

तैयार एक्शन प्लान का क्रियान्वयन प्रदेश में निहारिका बारिक सिंह, सचिव स्वास्थ्य और परिवार कल्याण, डॉ प्रियंका शुक्ला एमडी एनएचएम और स्वास्थ्य संचालक नीरज भंसोद के मार्गदर्शन में होगा। इसे चरणबद्ध तरीके से छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम (एनएमएचपी) के उपसंचालक डॉ. महेन्द्र सिंह के नेतृत्व में क्रियान्वित किया जाएगा।

डॉ. सिंह ने बताया गर्भवती महिलाओं और माताओं में मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं प्रसव काल के दौरान मानसिक विकार को अनदेखा किया जाता है। खराब सामाजिक आर्थिक स्थिति, समाज में कमतर भूमिकाएं और स्थिति, अनचाही गर्भावस्था और लिंग-हिंसा ऐसे विकार के लिए उत्तरदायी होता है जिसे आज समझने के लिए विश्व भर में मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी तरह किशोरों, वयोवृद्धों और बच्चों में भी तनाव एवं मानसिक अवसाद के कई कारण देखे जा रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर है कि व्यक्ति खुद या औरों को नुकसान पहुंचाने से भी नहीं हिचकिचाता। इसे देखते हुए मातृत्व और मानसिक स्वास्थ्य, वृद्धावस्था और मानसिक स्वास्थ्य, वयस्क, किशोर -किशोरी और मानसिक स्वास्थ्य इलाज एवं परामर्श की जरूरत महसूस हो रही है। इसको राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के साथ ही जोड़ा जाएगा।

राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर एक्शन प्लान तैयार करने के लिए रायपुर में नवंबर में मंथन होगा। एडिशनल डिप्टी डायरेक्टर जनरल भारत सरकार डॉ. आलोक माथुर और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)  मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम की डॉ. आत्रेयी गांगूली के नेतृत्व में 13 और 14 नवंबर को एक कार्यशाला आयोजित होगी। विश्व स्तर पर उपरोक्त विषय पर संचालित किए जा रहे मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए छत्तीसगढ़ के परिदृश्य में एक एक्शन प्लान तैयार होगा।

13 और 14 नवंबर को दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित होगी। पहले दिन मातृत्व मानसिक स्वास्थ्य और विकार पर तथा दूसरे दिन बचपन और मानसिक स्वास्थ्य, किशोर मानसिक स्वास्थ्य तथा वयोवृद्ध मानसिक स्वास्थ्य पर विस्तार से जानकारी चर्चा होगी। जिसमें निम्हांस बेंग्लूरू, एम्स दिल्ली, एम्स रायपुर , सेंदरी मेंटल अस्पताल बिलासपुर के विशेषज्ञ हिस्सा लेंगे।

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