बिलासपुर। निलंबित आईपीएस अधिकारी गुरजिंदर पाल सिंह की याचिका पर शासन की ओर से दलील देते हुए सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट केटीएस तुलसी ने उन्हें जांच और एफआईआर से राहत देने का विरोध किया।
ज्ञात हो कि आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में करीब 15 ठिकानों पर छापेमारी के बाद राज्य सरकार की जांच एजेंसियां ईओडब्ल्यू और एसीबी ने आईपीएस जीपी सिंह के खिलाफ अपराध दर्ज किया है। उनके घर पर छापेमारी के दौरान मिले कथित आपत्तिजनक दस्तावेजों के आधार पर कोतवाली पुलिस ने सिंह के विरुद्ध राजद्रोह का अपराध भी कायम किया है।
अपने वकील किशोर भादुड़ी व सब्यसाची भादुड़ी के जरिए जीपी सिंह ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की मांग की है। सीपी सिंह ने अपने ऊपर लगाए गए राजद्रोह तथा एसीबी और ईओडब्ल्यू द्वारा की गई कार्रवाई पर रोक लगाने की भी मांग की है। उनका कहना है की राजनीतिक साजिश की वजह से उन्हें सरकार ने फंसाया है।
सिंह की याचिका दायर होने के बाद राज्य सरकार की ओर से भी इस मामले में कैविएट दायर की गई थी। आज दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद हाईकोर्ट में जस्टिस एन के व्यास की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा है। मामले की सुनवाई वर्चुअल कोर्ट में हुई।

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