बिलासपुर। कानन पेंडारी जू में 4 साल के भालू कन्हैया की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। 13 दिन के भीतर जू में यह दूसरे भालू की मौत है, जबकि 20 दिन के भीतर चौथे वन्य प्राणी की जान चली गई है। भालुओं में वायरस फैलने की आशंका से 9 भालूओं को अलग-अलग केज में रख दिया गया है।

गुरुवार की सुबह करीब 10:30 बजे 4 वर्षीय नर भालू कन्हैया की मौत हो गई। इसे जनवरी माह में सूरजपुर से लाया गया था। मौत की सूचना मिलते ही चिड़ियाघर के अधीक्षक संजय लूथर, रेंजर विजय साहू सहित डॉक्टरों की टीम ने केज जाकर निरीक्षण किया। मौत की पुष्टि होने पर उसका पोस्टमार्टम किया गया। शाम को जू के खाली मैदान में ही शव को जलाया गया। ज्ञात हो कि 13 दिन पहले एक अन्य भालू की मौत भी हो गई थी, जिसे बैकुंठपुर से जू में लाया गया था। दो भालुओं की मौत के बाद अब इनकी संख्या घटकर 9 रह गई है।

अचानकमार-अमरकंटक बायोस्फेयर रिजर्व के डायरेक्टर विष्णु नायर ने बताया कि भालू के पोस्टमार्टम के बाद आरवीआरआई सैंपल को जांच के लिये बरेली के लैब में भेजा गया है, जिससे मौत के वास्तविक कारण का पता चल सकेगा। देश के अन्य भागों के जू के प्रबंधकों व वाइल्ड लाइफ के विशेषज्ञों से सलाह लेकर सभी 9 भालुओं को फिलहाल अलग-अलग केज में रख दिया गया है, ताकि यदि वायरस हो तो न फैले। इसके पहले आगरा के जू में वायरस फैलने से एक साथ 15 भालुओं की मौत हो चुकी है।

ज्ञात हो 20 दिन पहले कानन पेंडारी जू में एक गर्भवती मादा हिप्पोपोटामस की मौत हुई थी। इसके बाद अचानकमार टाइगर रिजर्व से घायल अवस्था में लाई गई बाघिन रजनी ने भी दम तोड़ दिया था।

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