जमीन से जुड़े झगड़े में रॉड तलवार लेकर पीछा, अपहरण की कोशिश का मामला

बिलासपुर। अपहरण की कोशिश और मारपीट के एक मामले में एफआईआर दर्ज करने की बात को लेकर सिविल लाइन थाने में एक प्रशिक्षु आईपीएस और टीआई के बीच तीखा विवाद हो गया। आईपीएस का कहना था कि टीआई इस गंभीर मामले में एफआईआर दर्ज करने में आनाकानी कर रहे थे जबकि टीआई का कहना था कि वे इस मामले की थोड़ी सी जांच पड़ताल करके संतुष्ट होना चाह रहे थे। दोनों के विरुद्ध विवाद सुलझ गया और संबंधित प्रकरण में तीन एफआईआर दर्ज की गई। हालांकि आईपीएस के विरुद्ध दो पार्षदों ने शिकायत भी पुलिस अधीक्षक से कर दी है।

पूरा मामला जमीन खरीदी-बिक्री को लेकर बताया जा रहा है। जानकारी के अनुसार रविवार की रात गंगानगर निवासी अमित सिंह (40 वर्ष) बुलेट मोटरसाइकिल पर तेजी से सिविल लाइन थाने के भीतर घुसा। वहां तैनात प्रशिक्षु आईपीएस विकास कुमार को उसने बताया कि जमीन संबंधी विवाद के कारण बोदकू ठाकुर और दिलीप मिश्रा ने उसे तलवार रॉड और स्टिक लेकर दौड़ाया है। 2 दिन पहले भी इन लोगों ने उसको अगवा करने की कोशिश की थी।

युवक को लेकर आईपीएस घटनास्थल की ओर जाने के लिए निकल ही रहे ही थे कि सिविल लाइन थाने के सामने बोदकू ठाकुर और दिलीप कार पर बैठे हुए शिकायतकर्ता अमित को दिख गए। आईपीएस ने दोनों को पकड़ कर बैठा लिया, उसकी कार की तलाशी ली गई जिसमें से हथियार भी मिले।

इसी घटनाक्रम के दौरान सिविल लाइन थाने आईटीआई जेपी गुप्ता वहां पहुंच गए। दो पार्षद अमित भरते और और संदीप मिश्रा भी इस बीच पकड़े गए युवकों का पक्ष लेने के लिए वहां पहुंच गए।

प्रशिक्षु आईपीएस विकास कुमार ने टीआई से कहा कि वह अमित सिंह की शिकायत पर एफ आई आर दर्ज करें और आरोपियों की गिरफ्तारी करे। इस बात को लेकर टीआई गुप्ता और आईपीएस के बीच तीखी बहस हो गई। दरअसल प्रशिक्षु आईपीएस को प्रशिक्षण के दौरान थाना प्रभारी या संबंधित कार्यालय के प्रभारी के कार्य में हस्तक्षेप का अधिकार नहीं होता है, बल्कि वह सारे घटनाक्रम को सिर्फ अनुभव के लिए देखता है। गुप्ता का कहना था कि आईपीएस उसके अधिकार क्षेत्र में दखल दे रहे हैं। टीआई गुप्ता शिकायतकर्ता अमित सिंह और आरोपियों को घटनास्थल पर ले जाकर सीन को समझना चाह रहे थे। प्रशिक्षु आईपीएस का कहना था कि जब आरोपी थाने पहुंचे हुए हैं तो उन्हें थाने से बाहर लेकर जाने की जरूरत नहीं है। एफआईआर तुरंत दर्ज की जानी चाहिए, घटना की जांच उसके बाद की जा सकती है।

बहरहाल, विवाद के बाद सिविल लाइन पुलिस ने अमित सिंह की शिकायत पर बोदकू ठाकुर और दिलीप मिश्रा के खिलाफ बाइक को रोककर अपहरण और तलवार तथा अन्य हथियार से हमला करने की कोशिश के आरोप में आईपीसी की धारा 341, 349, 506, 323 और 25 आर्म्स एक्ट के तहत अपराध दर्ज किया है।

अमित सिंह के भाई गौतम ने भी एक अन्य शिकायत इन्हीं दोनों के खिलाफ दर्ज कराई है कि एक अप्रैल को एक सैलून में पहुंचकर आरोपियों ने उसे पकड़ लिया था और जबरदस्ती अपने साथ ले जाने की कोशिश कर रहे थे। वह इसी तरह उन दोनों के चंगुल से छूट कर भाग गया।

आरोपी पक्ष की ओर से अजय सिंह, बोदकू ठाकुर और दिलीप मिश्रा ने गौतम सिंह और उसके भाई अमित सिंह के खिलाफ जान से मारने की धमकी देने और गाली गलौज की शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने अमित सिंह पर झूठी रिपोर्ट लिखवाने का भी आरोप लगाया है।

दूसरी ओर सिविल लाइन थाना पहुंचे दोनों पार्षदों अमित भरते और संदीप मिश्रा ने पुलिस अधीक्षक से प्रशिक्षु आईपीएस विकास कुमार के खिलाफ शिकायत की है कि उन्होंने उनके साथ दुर्व्यवहार करते हुए उन्हें थाने से भगा दिया, जब वे अमित सिंह के विवाद में चर्चा करने के लिए थाना पहुंचे थे।

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