गुरु घासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय के सभागार में मंगलवार को पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के एलुमनी मीट में ऐसे रिश्ते दिखे जिनकी यादें वर्षों पुरानी होने के बाद भी एकदम नई लगी। पत्रकारिता के प्रति नवीन छात्रों की रूचि देखकर एलुमनी छात्रों के चेहरे खुशी से खिल उठे।

विश्वविद्यालय के रजत जयंती सभागार में सुबह 11 बजे से प्रारंभ हुआ यह एलुमनी मीट तीन तकनीकी सत्रों में था। पहले सत्र में एलुमनी छात्रों व शिक्षकों के बीच संवाद हुआ। दूसरे सत्र में एलुमनी व वर्तमान छात्रों के बीच चर्चा हुई। छात्रों ने पत्रकारिता में करियर व चुनौतियों को लेकर अनेक प्रश्न पूछे। पुराने छात्रों ने सवालों का जबाव देकर नए छात्रों की शंका दूर कर उनकी जिज्ञासा शांत की। अंतिम तृतीय तकनीकी सत्र में एलुमनी छात्रों ने अपने विचार व अनुभव साझा किए।

पत्रकारिता विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. गोपा बागची ने सभी अतिथियों व एलुमनी का स्वागत किया। उन्होंने कार्यक्रम कुलपति प्रो अंजिला गुप्ता के प्रेरणा से होना बताया। स्वागत उद्बोधन में उन्होंने पत्रकारिता विभाग के 30 वर्षों के इतिहास को बताते हुए पाठ्यक्रम और छात्रों की संख्या पर प्रकाश डाला। मुख्य अतिथि प्रोफेसर प्रतिभा जे. मिश्रा ने कहा कि एलुमनी मीट से खूबसूरत कोई संगम नहीं हो सकता। एलुमनी किसी भी उच्च शिक्षा संस्थान की रीढ़ होते हैं। एलुमनी, शिक्षक और नवीन छात्र एक साथ मिल जाएं तो कोई भी कार्य असंभव नहीं रहता। विशिष्ट अतिथि अमित मिश्रा ने वर्तमान में अंग्रेजी पत्रकारिता की तुलना में हिंदी पत्रकारिता के मांग और महत्व को समझाया। उन्होंने बीते जमाने की पत्रकारिता और वर्तमान पत्रकारिता के स्वरूप व तकनीकी बदलाव को रेखांकित किया। मुख्य वक्ता वरिष्ठ एलुमनी अजय शर्मा ने कहा कि पत्रकार में समाचार को समझने की संवेदना होनी चाहिए। पत्रकार की यात्रा निरंतर चलती रहती है शरीर से और बुद्धि से भी। पत्रकार हमेशा मिशन, समर्पण और संवेदनाओं से भरा होता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कला अध्ययनशाला के अधिष्ठाता प्रो. मनीष श्रीवास्तव ने बताया कि पत्रकारिता विभाग विवि के सबसे पुराने विभागों में से एक है। किसी भी उच्च शिक्षण संस्थान के विकास में एलुमनी का बहुत अहम योगदान होता है। संस्थान की पहचान उनकी एलुमनी से होती है। उन्होंने जानकारी दी कि विभागीय अध्ययनमंडल में जब पाठ्यक्रमों का निर्माण होता है उसमें एलुमनी को भी शामिल किये जाने पर विचार किया जा रहा है। इस दौरान विभाग के प्राध्यापक डॉ गुरू सरन लाल, प्रो तेलाराम मेहर, प्रो योगेश वैष्णव, प्रो शिवकृपा मिश्रा, राकेश सर व छात्र शिवम शुक्ला, चांदनी नागदेव व विभाग के समस्त शिक्षक व बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।

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