बिलासपुर। अरपा नदी बचाने जागरण के लिए बिलासपुर प्रेस क्लब से जत्था रवाना होने के पहले उपस्थित प्रबुद्धजनों में नदी सूखने से उत्पन्न बिलासपुर शहर  के चल रहे जलसंकट और निराकरण पर अच्छा खासा मंथन हुआ। कार्यक्रम में विधायक शैलेष पांडेय विशेष रूप से उपस्थित थे।

यह सुझाव आया कि दीर्घकालीन योजनाओं से पहले नदी में तोरवा के करीब अस्थायी रपटा बनाया जाना चाहिए। इससे शहर का जलस्तर उन्नत होगा और नगर निगम तथा निजी पंप के बोर सूखने से बड़ी निजात मिलेगी। चार दशक पहले यहां हर साल रेत मिट्टी के बांध से पानी रोका जाता थाऔर बारिश का पानी इसे साथ  बहा ले जाता, जिसका लाभ नदी-बाड़ी वालों को मिलता था।

विधायक शैलेष पांडेय ने जानकारी दी कि खूंटाघाट बांध में क्षमता नहीं कि वह खेतों की सिंचाई के साथ नगर के लिए पानी की आपूर्ति अमृत योजना के तहत करे। इसके लिए अहिरन नदी का पानी इस बांध में लाया जाना प्रस्तावित है, पर इनमें अभी समय लगेगा। उन्होंने नगर को जल संकट से उबारने अपने किये जा रहे प्रयासों का ब्यौरा दिया।

साहित्यकार द्वारिका प्रसाद अग्रवाल ने पानी व्यर्थ गंवाने पर रोक के उपाय सुझाए। प्रथमेश मिश्रा ने नदी के किनारे दूर तक वृक्षारोपण और हरियाली की कटाई रोकने पर जोर दिया।

अरपा बचाओ अभियान के संयोजक डॉ सोमनाथ ने बताया पहले किस प्रकार नदी की रेत को बांध कर गर्मी में जल स्रोतों को उन्नत किया जाता रहा।  राजेन्द्र मौर्य ने बताया ये जन जागरण के लिए हर साल जाने वाला 13वां जत्था है। उन्होंने अब तक के कार्यो और उपलब्धियों को बताया। बिलासपुर प्रेस क्लब अध्यक्ष तिलकराज सलूजा ने जत्थे को प्रयास सफलता की शुभकामनाएं दी।

कड़ी धूप में यह जत्था  रवाना हुआ जो दोपहर में पेंड्रा पहुंचा जहां नदी का उद्गम है। 27 मई को मंगला, पासिद शिवनाथ नदी  के संगम स्थल पर यात्रा का समापन होगा। इस बीच के गांवों में नदी तालाब,जंगल और खेती की जमीन उद्योगों को नहीं बेचने गांव वालों को जागृत किया जाएगा।

सुबह के कार्यक्रम में डॉ सुधाकर, बिबे, महेश श्रीवास,रामेश्वर गुप्ता,देवानन्द दुबे, अजय शर्मा,जी आर चौहान सहित कई पर्यावरण प्रेमी उपस्थित थे।

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