बिलासपुर। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान से दो वर्ष 10 माह की स्वरा कुपोषण से मुक्त हो गई है। उसका वजन लगातार बढ़ रहा है और वह बार-बार बीमार भी नहीं पड़ती। उसके स्वास्थ्य में तेजी से हो रहे सुधार से उसके परिवार वालों की चिंता दूर हो गई है।

मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान 2 अक्टूबर 2019 को जिले के सभी एकीकृत बाल विकास परियोजना क्षेत्रों में शुरू हुआ था। योजना के तहत मध्यम कुपोषित व गंभीर कुपोषित बच्चों का चयन कर उन्हें रेडी टू ईट के अतिरिक्त विशेष आहार पौष्टिक लड्डू के रूप में प्रदाय किया जा रहा है। एरमसाही, दर्राभाठा के मानु गोड़ व कुमारी बाई की पुत्री स्वरा को मध्यम कुपोषित बच्चे के रूप में एकीकृत बाल विकास परियोजना की सीपत इकाई ने चिन्हित किया था। स्वरा अक्टूबर 2019 में 2 वर्ष 10 माह की थी और उसका वजन 9 किलो 900 ग्राम था। उसका वजन लगातार घट रहा था।

योजना के जोड़ने के बाद कार्यकर्ता, सहायिका एवं पर्यवेक्षक द्वारा सतत् रूप से बालिका के घर जाकर उसे कुपोषण से मुक्त करने के लिये शासन की योजनाओं का लाभ दिया गया। बाल संदर्भ योजना के तहत आवश्यक दवाई प्रदान की गई तथा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत अतिरिक्त आहार के रूप में पौष्टिक लड्डू उसे नियमित रूप से खिलाया गया। बालिका के परिवार को साफ-सफाई व पौष्टिक आहार का नियमित सेवन कराने के लिये प्रेरित किया गया। इससे स्वरा की भोजन के प्रति अभिरूचि बढ़ी और परिवार को पोषक तत्वों की महत्ता का ज्ञान हुआ। फलस्वरूप स्वरा का वजन बढ़ने लगा। 6 माह पश्चात उसका वजन 12.200 किलोग्राम हो गया। स्वरा पहले बार-बार बीमार होती थी, अब उसके स्वास्थ्य में सुधार होने के कारण अब वह बीमार नहीं पड़ती है। बालिका के परिवार को भोजन में विविधता लाकर उसे रूचिपूर्ण बनाने और किचन गार्डन में पौष्टिक सब्जी लगाकर उसका सेवन करने के बारे में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियमित रूप से उन्हें सलाह देती हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here