अभियुक्तों को बचाव के लिए गाइडलाइन का पालन करने व जागरूकता लाने निर्देश

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अभूतपूर्व कदम उठाते हुए पिछले दो दिनों के भीतर 30 से अधिक जमानत अर्जियों को कोरोना वायरस के बढ़ते खतरों को देखते हुए स्वीकार कर लिया है। अभियुक्तों को जमानत देते हुए उन्हें हिदायत भी दी गई है कि वे कोरोना वायरस से सुरक्षित रहने के लिए शासन की गाइडलाइन का न केवल पालन करेंगे बल्कि लोगों को इसके लिये जागरूक भी करें।

हाईकोर्ट में इन दिनों सिर्फ बहुत जरूरी मामलों तथा जमानत याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। जमानत अर्जियों की सुनवाई कई अलग-अलग बेंचों में की जा रही है ताकि इन पर जल्दी फैसला लिया जा सके। जस्टिस प्रशांत मिश्रा की कोर्ट में दायर की गई बीते दो कार्यदिवसों में इनमें 30 की जमानत याचिका स्वीकार कर ली गई। अपने फैसले में जस्टिस मिश्रा ने कहा है कि कोरोना वायरस के दुनियाभर में फैलाव और देश में भी महामारी फैलने के खतते को देखते हुए अभूतपूर्व स्थितियां पैदा हो गई है। इसके चलते अदालतों का कामकाज भी प्रभावित हुआ है। ऐसे में इन अभियुक्तों के मुकदमों की सुनवाई में विलम्ब हो सकता है। अतएव इनकी अर्जियां स्वीकार की जाती हैं। ये अभियुक्त जमानत पर छूटने के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए न केवल स्वयं सभी उपाय करेंगे बल्कि इसके लिए लोगों को भी जागरूक करेंगे। इन अभियुक्तों में दुष्कर्म, हत्या के प्रयास, मादक द्रव्य की तस्करी के आरोपी भी शामिल हैं।

उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण से बचाव के उपायों के सिलसिले में हाईकोर्ट ने प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों को आपराधिक मामलों की सुनवाई वीडियो क्रांफ्रेंसिंग के माध्यम से करने का निर्देश पहले ही जारी कर दिया है। निचली अदालतों में भी केवल जरूरी मामलों की सुनवाई हो रही है। हाईकोर्ट तथा निचली अदालतों में अनावश्यक रूप से पक्षकारों को आने से मना किया गया है। सभी अदालतों में साफ-सफाई और सैनिटाइजर की व्यवस्था करने का निर्देश भी कोर्ट ने दिया है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here