राज्यसभा में नेताम के सवाल पर वन मंत्री का जवाब
रायपुर। राज्यसभा में सांसद रामविचार नेताम के एक अतारांकित सवाल के जवाब में वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के राज्य मंत्री अश्वनी कुमार चौबे ने जानकारी दी कि कैम्पा के तहत छत्तीसगढ़ सरकार को बीते 3 वर्षों में 5791.70 करोड़ रुपये दिये गये हैं।
नेताम ने छत्तीसगढ़ में वर्तमान में प्रतिपूरक वनरोपण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कैम्पा) की स्थिति, व्यय के लिये दिशा-निर्देश और उसकी निगरानी के संबंध में प्रश्न किया था।
चौबे ने बताया कि कैम्पा 30 सितंबर 2018 को अस्तित्व में आया जिस दिन प्रतिपूरक वनीकरण कोष (सीएएफ) अधिनियम 2016 लागू हुआ। छत्तीसगढ़ सरकार ने इस मद में मिलने वाली राशि के लिये राज्य प्रतिपूरक वनीकरण कोष की स्थापना की है। राज्य निधि के प्रबंधन और उपयोग के लिये छत्तीसगढ़ कैम्पा की शासी निकाय, संचालन समिति और कार्यकारी समिति का गठन किया गया है। मंत्रालय द्वारा छत्तीसगढ़ को 5 हजार 791.70 करोड़ रुपये हस्तांतरित किये गये हैं। राज्य निधि के उपयोग के लिये छत्तीसगढ़ कैम्पा ने तीन वर्षों की वार्षिक योजना (एपीओ) प्रस्तुत की है। वर्ष 2019-20 में 848.51 करोड़ रुपये, 2020-21 में 1346.92 करोड़ रुपये तथा 2021-22 में 2455.67 करोड़ रुपये खर्च करने की स्वीकृति दी गई है।
वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 22 अ्क्टूबर 2020 के माध्यम से सभी राज्यों को एक एडवाइजरी पत्र जारी किया था। इसमें राज्य के कैम्पा फंड में से 80 प्रतिशत वन एवं वन्यजीवों के विकास से संबंधित गतिविधियों में तथा शेष 20 प्रतिशत वन, वन्य जीवन से संबंधित बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और राज्य निधि के उपयोग में शामिल कर्मियों की क्षमता निर्माण पर खर्च करने कहा गया है, जैसा कि सीएएफ नियम 2018 में परिकल्पित किया गया है। सीएएफ अधिनियम 2016 के प्रावधान के अनुसार छत्तीसगढ़ कैम्पा की कार्यकारी समिति द्वारा समिति के सदस्यों में से ही एक निगरानी समिति का गठन किया गया है।
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