बिलासपुर। कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ प्रदेश अध्यक्ष, हाईकोर्ट अधिवक्ता संदीप दुबे ने भाजपा विधि प्रकोष्ठ के संयोजक के बयान को आड़े हाथ लिया है।उन्होंने कहा कि विधि प्रकोष्ठ संयोजक को जानकारी होनी चाहिए कि महाधिवक्ता को प्रेस क्लब में बतौर मेहमान बुलाया गया था। महाधिवक्ता ने संवैधानिक आचरण का पालन करते हुए कानूनी दायर में रहकर पत्रकारों की जिज्ञासाओं को शांत किया।

बीते रविवार को हाईकोर्ट महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा बिलासपुर प्रेस क्लब में आमंत्रित थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों के आरक्षण संबधित सवालों का जवाब दिया। इस पर भारतीय जनता पार्टी विधि प्रकोष्ठ के संयोजक जयप्रकाश चंद्रवंशी ने वर्मा को राजनीतिक विषयों पर टिप्पणी करने से बचने की नसीहत दे दी। चंद्रवंशी ने कहा कि आरक्षण को लेकर महाधिवक्ता का बयान पद की गरिमा और मर्यादा के विपरीत है। चंद्रवंशी ने कहा कि जब आरक्षण के मामले में जब सुनवाई हो रही थी उस दौरान महाधिवक्ता कोर्ट से नदारद थे।

कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष दुबे ने कहा कि महाधिवक्ता का पद संवैधानिक होता है। बावजूद बीजेपी अनर्गल बातें कहकर महाधिवक्ता को बदनाम कर रही है। महाधिवक्ता ने पत्रकारों के आरक्षण  सम्बंधित सवालों का जवाब विधि सम्मत न्यायालीन दायरे में दिया है। पहले भी महाधिवक्ताओं को प्रेस क्लब जाने का अवसर मिला है। इस दौरान पहले के महाधिवक्ताओं ने पत्रकारों के तात्कालिक और ज्वलंत सवालों का जवाब दिए है। उस दौरान भाजपा नेताओं ने कुछ नहीं कहा। दुबे ने कहा कि वर्तमान महाधिवक्ता की उच्च न्यायालय में हमेशा उपस्थिति रहती है। जब से सरकार ने ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रतिशत बढ़ाया है, तब से भाजपा नेताओं को अपना वोट खिसकते नजर आ रहा है। महाधिवक्ता को बदनाम करने के साथ दुष्प्रचार किया जा रहा है। चन्द्रवंशी स्पष्ट करना होगा कि वह ओबीसी आरक्षण को बढ़ाए जाने का समर्थन में है या विरोध में। यदि उनकी पार्टी समर्थन करती है तो उच्च न्यायालय मे हस्तक्षेप याचिका फ़ाइल कर सरकार का समर्थन करें।

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