बिलासपुर। प्राकट्य महोत्सव के अवसर पर शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने विकास, राजनीति और आत्मनिर्भर भारत सहित अनेक विषयों पर प्रवचन देते हुए कहा कि राजनीति वास्तव में सुसंस्कृत, सुशिक्षित, सुरक्षित, संपन्न, सेवा परायण, सर्व हितार्थ तथा कल्याणकारी समाज के लिए होना चाहिए, ताकि एक अच्छे समाज की स्थापित हो सके। इस तरह की राजनीति से जिस राष्ट्र और समाज का निर्माण होगा वह जनकल्याणकारी और सुखद होगा।

शंकराचार्य का प्राकट्य उत्सव प्रयागराज में मनाया गया। बिलासपुर से विधायक शैलेश पांडे ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर उनसे जाकर आशीर्वाद लिया और प्रदेश के लिए सुख समृद्धि की कामना की। समारोह में राष्ट्रोत्कर्ष अभियान से जुड़े डॉ विवेक वाजपेयी, चंद्रचूड़ त्रिपाठी, अभिषेक पांडे सहित अन्य शामिल थे ।

शंकराचार्य ने  कहा कि विकास ऐसा हो जो राष्ट्र और प्रकृति एवं समाज के लिए घातक ना हो।  भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सनातन परंपरा के अनुसार कार्य करना होगा। भोजन,  आवास, यातायात, शिक्षा, योग, आयुर्वेद और जीवनशैली भारतीय सनातनी परंपरा के अनुसार होना चाहिए। इसलिए सनातन परंपरा का विस्तार जरूरी है। इस मार्ग से ही भारत आत्मनिर्भरता की ओर सुदृढ़ता से आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इस सृष्टि को धारण करने वाले सात तत्व हैं । गौमाता, विप्र, वेद ,यज्ञ ,संत, निर्लोभी व्यक्ति व्यक्ति, दान शील व्यक्ति इन सातों ने ही सृष्टि धारण करके रखा है। इसलिए इन सातों तत्व का सुरक्षित रहना बेहद जरूरी है । इसलिए हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि विकास के नाम पर इन तत्वों का लोप ना हो जाए। उन्होंने कहा कि यह अभियान शुरू किया गया है, जिससे कि हर हिंदू परिवार से एक रुपए और एक घंटा लिया जाएगा।  आज हर हिंदू परिवार को सनातन परंपरा से जोड़ने की जरूरत है। उन्होंने राष्ट्र उत्कर्ष अभियान के बारे में बताया कि समाज प्रकृति और परमात्मा के निकट रहे इनके के बीच दूरी ना बढ़े और नास्तिकता व महंगाई रहित विकास हो यही इस अभियान का उद्देश्य है।

 

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