प्रारंभिक जांच के बाद सस्पेंड हुए अफसर को छोड़ बाकी के खिलाफ एफआईआर

बिलासपुर। गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 41.50 करोड़ की कूटरचित बैंक गारंटी जमा कर धान उठाने के मामले में पुलिस ने बैंक मैनेजर सहित 4 राइस मिलों के तीन मालिकों के खिलाफ धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर लिया है। कलेक्टर ऋचा प्रकाश चौधरी के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। इस मामले में जिला विपणन अधिकारी को सस्पेंड किया जा चुका है लेकिन एफआईआर में उसका नाम नहीं है।

कलेक्टर की ओर से गौरेला थाने में प्रभारी जिला विपणन अधिकारी रमेश लहरे ने एफआईआर दर्ज कराई। इसमें बताया गया कि खरीफ वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की मिलिंग के उठाव के लिए उनके कार्यालय में चार फर्म श्याम इंडस्ट्रीज, श्याम फूड प्रोडक्ट, यश राइस मिल और यश मार्डन फूड प्रोडक्ट अंजनी ने पेंड्रारोड की भारतीय स्टेट बैंक शाखा से तैयार बैंक गारंटी के कुल 61 कागजात जमा किए थे, जिनका मूल्य 44 करोड़ रुपये था। उक्त बैंक गारंटी के संबंध में भारतीय स्टेट बैंक के क्षेत्रीय व्यवसाय कार्यालय बिलासपुर में जानकारी जुटाई गई। यहां से जानकारी दी गई कि इनमें से  21.50 करोड़ के कुल 23 बैंक गारंटी कूटरचित हैं।

वर्तमान में खरीफ वर्ष 2022-23 में धान खरीदी प्रारंभ होने पर उक्त चार फर्मों ने एसबीआई पेंड्रारोड से ही तैयार कराए गए 20 करोड़ की बैंक गारंटी के 20 कागजात जमा किए, जिनके बारे में भी जानकारी मांगने पर बिलासपुर के व्यवसाय कार्यालय से बताया गया कि यह कूटरचित प्रतीत होती है। इस तरह से दो वर्षों में कुल 41 करोड़ 50 लाख की फर्जी बैंक गारंटी जमा कर करोड़ों रुपये का धान इन चारों फर्मों ने उठा लिया। प्रारंभिक जांच में इस फर्जीवाड़े में स्टेट बैंक के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक तथा इस समय एसबीआई के लीड बैंक प्रबंधक सिप्रियन टोप्पो भी शामिल थे। टोप्पो सहित श्याम फूड प्रोडक्ट तथा यश राइस मिल के प्रोपाइटर गोपाल कृष्ण अग्रवाल, यश मार्डन फूड के प्रोपाइटर आशीष अग्रवाल व श्याम इंडस्ट्रीज के प्रोपाइटर फकीरचंद अग्रवाल के विरुद्ध गौरेला पुलिस ने आईपीसी की धारा 420, 34 के तहत अपराध दर्ज किया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

ज्ञात हो कि यह मामला दिसंबर महीने में सामने आया था जब जीपीएम जिले के अन्य राइस मिलरों ने शिकायत की थी कि उन्हें मिलिंग के लिए धान नहीं दिया जा रहा है और जिला विपणन अधिकारी लोकेश कुमार देवांगन एक ही मालिक के अलग-अलग फर्मों को मिलिंग के लिए धान दे रहे हैं। प्रारंभिक जांच के बाद छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ के सचिव संदीप गुप्ता ने देवांगन को सस्पेंड कर उन्हें रायपुर अटैच किया था। दूसरी ओर गौरेला थाने में दर्ज कराई गई एफआईआर में देवांगन का नाम शामिल नहीं है।

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