एक मई से फाउन्डेशन क्रिकेट अकादमी में शुरू हो रही ‘क्लीनिक’ का जायजा लिया

बिलासपुर। भारतीय क्रिकेट कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को फुटबॉल छोड़कर क्रिकेट की मैदान में उतारने वाले कोच केशव रंजन बेनर्जी एक मई से बिलासपुर की फाउन्डेशन क्रिकेट अकादमी मैदान में शुरू हो रही कोचिंग क्लीनिक की तैयारियों का जायजा लेने आज शहर पहुंचे। धोनी की अकादमी देशभर में क्रिकेट खिलाड़ियों की प्रतिभाओं को तराशने के लिए अभियान चला रहे हैं और इसकी शुरूआत बिलासपुर से होने जा रही है।

बिलासपुर प्रेस क्लब में पहुंचे बेनर्जी ने वह रोचक वाकया बताया जिसके बारे में कुछ हद तक मूवी ‘एमएस धोनी-अनटोल्ड स्टोरी’ देश चुके दर्शक जानते हैं। www.bilaspurlive.com को बेनर्जी ने बताया कि महेन्द्र सिंह धोनी जवाहर विद्या मंदिर रांची में सातवीं कक्षा के छात्र थे तब फुटबाल ही उन्हें प्रिय था। वे उस स्कूल में तब कोच थे। उन्हें फुटबाल में गोलकीपिंग पसंद थी और उसे वे बेहतर ढंग से करते थे। बकौल बेनर्जी- मैंने पाया कि इसी फुर्ती का विकेट कीपिंग में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वे अच्छे विकेट कीपर बन सकते हैं। बस, गेंद किस दिशा में जा रही है-यही तो देखना है। इसके बाद धोनी का क्रिकेट में प्रशिक्षण देना शुरू किया गया। उसके बाद धोनी की प्रतिभा निखरती गई और उन्होंने धीरे-धीरे प्रसिद्धि के आसमान को छू लिया। उन्होंने यह भी रोचक जानकारी दी कि स्कूल नेशनल टीम में धोनी का चयन नहीं हो पाया था। उनकी जगह सत्यजीत लहरी को मौका मिला था। बिलासपुर में शुरू हो रही कोचिंग क्लीनिक में लहरी भी पहुंच रहे हैं।

बेनर्जी एमएसधोनी क्रिकेट अकादमी के ब्रांड एम्बेसेडर ही नहीं संरक्षक भी हैं। क्रिकेट अकादमी खोलने का विचार जब धोनी को आया तो उन्होंने बेनर्जी से पूछा कि क्या वे हमें अपनी सेवाएं दे पाएंगे। बेनर्जी 63 वर्ष के हैं और स्पोर्ट्स टीचर की नौकरी से रिटायर हो चुके हैं। रिटायर होने के बाद वे धोनी के आग्रह पर अकादमी से जुड़ गये। लहरी भी इसी अकादमी से जुड़े हुए हैं।

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एमएस धोनी क्रिकेट अकादमी आरका स्पोर्ट्स की एक संस्था है। प्रेस क्लब में आज बेनर्जी के साथ पहुंचे आरका स्पोर्ट्स के सिकंदर हयात और मिहिर दिवाकर ने बताया कि बिलासपुर से उनकी कोचिंग क्लीनिंग फाउन्डेशन क्रिकेट अकादमी, गौरव पथ के मैदान में एक मई से शुरू हो रही है। देशभर के 22 शहरों में एक साथ यह प्रशिक्षण होने जा रहा है। इस तरह का देशभर में एक साथ कोचिंग क्लीनिक प्रयोग पहली बार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धोनी ने क्रिकेट में जो हासिल किया है वह क्रिकेट में रुचि रखने वाले सभी उदीयमान खिलाड़ियों में बांटना चाहते हैं। इसके लिए सभी उच्चाधुनिक तकनीक से लैस, उच्च श्रेणी की कोचिंग सुविधा के साथ बीसीसीआई से मान्यता प्राप्त कोच तैयार हैं। इस कोचिंग का उद्देश्य बच्चों को मजेदार और आकर्षक तरीके से क्रिकेट की सभी बारीकियों का गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण देना है।

 

 

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