ध्वनि विस्तार यंत्रों का नियंत्रित तीव्रता में प्रयोग करने की अनुमति

बिलासपुर। कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम को ध्यान में रखते हुए तथा आगामी माह में जिले में कोरोना पॉजिटिव प्रकरणों की संख्या में वृद्धि की आशंका को देखते हुए जिला प्रशासन ने दुर्गोत्सव के लिये गाइडलाइन जारी की है।

कलेक्टर द्वारा जारी आदेशानुसार दुर्गा पूजा के लिये स्थापित की जाने वाली मूर्ति की अधिकतम उंचाई 8 फीट ही होगी। पी.ओ.पी. (प्लास्टर ऑफ पेरिस) से निर्मित मूर्ति बिक्री एवं स्थापित किया जाना प्रतिबंधित रहेगा।

दिशानिर्देशों के अनुसार, मूर्ति स्थापना वाले पंडाल का आकार 15 बाई 15 फीट से अधिक न हो। पंडाल के सामने कम से कम 500 वर्गफीट की खुली जगह हो। इस खुली जगह में कोई भी सड़क अथवा गली का हिस्सा प्रभावित न हो। मंदिर प्रांगण के भीतर नियत स्थान पर ही ज्योति का प्रज्ज्वलन किया जायेगा। उक्त स्थान पर अग्नि शमन सुरक्षा के सभी उपाय किया जाना अनिवार्य होगा। ज्योति प्रज्वलन की जिम्मेदारी केवल मंदिर प्रबंधन समिति की होगी। ज्योति दर्शन हेतु अन्य व्यक्तियों का प्रवेश पूर्णतः वर्जित रहेगा।

मंडप या पंडाल के सामने दर्शकों के बैठने के लिये पृथक व्यवस्था न हो,  दर्शकों एवं आयोजकों के बैठने के लिये कुर्सी नहीं लगाये जायेंगे। किसी भी एक समय में मंडप में 50 व्यक्ति से अधिक न हो। मूर्ति दर्शन अथवा पूजा में शामिल होने वाला कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के नहीं जायेगा। ऐसा पाये जाने पर संबंधित एवं समिति के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जायेगी। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति एक रजिस्टर संधारित करेगी जिसमें दर्शन हेतु आने वाले सभी व्यक्तियों का नाम, पता, मोबाइल नंबर दर्ज किया जायेगा, ताकि उनमें से किसी भी व्यक्ति के कोरोना संकमित होने पर कान्टेक्ट ट्रेसिंग की जा सके। मूर्ति स्थापित करने वाले व्यक्ति अथवा समिति द्वारा सैनेटाइजर, थर्मल स्क्रीनिंग, ऑक्सीमीटर, हैंडवाश एवं क्यू मैनेजमेंट सिस्टम की व्यवस्था की जायेगी। थर्मल स्क्रीनिंग में बुखार पाये जाने अथवा कोरोना से संबंधित कोई भी सामान्य या विशेष लक्षण पाये जाने पर पंडाल में प्रवेश नहीं देने की जिम्मेदारी समिति की होगी। व्यक्ति अथवा समिति द्वारा फिजिकल डिस्टेंस, आगमन एवं प्रस्थान की पृथक से व्यवस्था, बांस, बल्ली से बेरिकेडिंग से की जायेगी।

कंटेनमेंट जोन में मूर्ति स्थापना की अनुमति नहीं होगी। यदि पूजा की अवधि के दौरान भी उपरोक्त क्षेत्र कंटेनमेंट क्षेत्र घोषित हो जाता है तो तत्काल पूजा समाप्त करनी होगी। मूर्ति स्थापना के दौरान, विसर्जन के समय अथवा विसर्जन के पश्चात् किसी भी प्रकार के भोज, भंडारा की अनुमति नहीं होगी। ध्वनि विस्तारक यंत्र, जैसे- धुमाल, बैंड तथा अन्य वाद्य यंत्रों का उपयोग कोलाहल नियंत्रण अधिनियम के तहत निर्धारित मानक 75 डेसिबल या पीएमपीओ 200 वॉट के अन्तर्गत ही किया जा सकेगा। पावरजोन स्पीकर्स के उपयोग की अनुमति नहीं होगी। निर्धारित तीव्रता से अधिक आवाज में ध्वनि विस्तारक यंत्र का उपयोग करने पर कठोर कार्रवाई की जायेगी।  मूर्ति स्थापना एवं विसर्जन के दौरान प्रसाद, चरणामृत या कोई भी खाद्य एवं पेय पदार्थ वितरण की अनुमति नहीं होगी।

मूर्ति विसर्जन के लिए एक से अधिक वाहन की अनुमति नहीं होगी एवं पिकअप से बड़े वाहन का उपयोग प्रतिबंधित होगा। वाहन में किसी भी प्रकार के अतिरिक्त साज-सज्जा, झांकी की अनुमति नहीं होगी। विसर्जन के लिए अधिकतम 10 व्यक्ति की ही अनुमति होगी एवं वे मूर्ति के वाहन में ही बैठेंगे। पृथक से वाहन ले जाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति विसर्जन के लिए प्रयुक्त वाहन पंडाल से लेकर विसर्जन स्थल तक रास्ते में कहीं रोकने की अनुमति नहीं होगी।

विसर्जन के मार्ग में कहीं भी स्वागत, भंडारा, प्रसाद वितरण पंडाल लगाने की अनुमति नहीं होगी। मूर्ति एवं पूजन सामग्रियों का विसर्जन नगर पालिक निगम, बिलासपुर द्वारा निर्धारित विसर्जन कुंड में ही किया जायेगा। विसर्जन के लिए नगर निगम द्वारा निर्धारित रूट मार्ग, तिथि एवं समय का पालन करना होगा। शहर के व्यस्त मार्गों से मूर्ति विसर्जन वाहन को ले जाने की अनुमति नहीं होगी। सूर्यास्त के पश्चात् एवं सूर्योदय के पहले मूर्ति विसर्जन के किसी भी प्रकिया की अनुमति नहीं होगी।

उपरोक्त शर्तो सहित किसी परिसर के अन्दर या सार्वजनिक स्थान पर मूर्ति स्थापित की जाती है तो कम से कम 3 दिवस पूर्व नगर पालिक निगम के संबंधित जोन कार्यालय में निर्धारित शपथ-पत्र के साथ आवेदन देना होगा। अनुमति प्राप्त होने के उपरांत ही मूर्ति स्थापित की जा सकेगी। यह अनुमति किसी भी ऐसे स्थान पर नहीं दी जायेगी, जिससे सार्वजनिक निस्तार या यातायात बाधित होने की संभावना हो।

इन सभी शर्तों के अतिरिक्त भारत सरकार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, छत्तीसगढ़ शासन स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग तथा जिला प्रशासन बिलासपुर द्वारा समय-समय पर जारी निर्देश, आदेश का पालन अनिवार्य रूप से किया जाना होगा। यह निर्देश तत्काल प्रभावशील होगा तथा निर्देश का उल्लंघन करने पर एपिडेमिक डिसीज एक्ट एवं विधि अनुकूल अन्य धाराओं के तहत कठोर कार्रवाई की जायेगी।

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