बिलासपुर। मरवाही में प्रशासन ने आज मिली एक शिकायत के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री स्व. अजीत जोगी की कई तस्वीरों को एक गांव से जब्त कर लिया। प्रशासन का कहना है कि ये तस्वीरें प्रचार सामग्री हैं जिसके लिये कोई अनुमति नहीं ली गई है। जकांछ के नेता व पूर्व विधायक अमित जोगी ने इस कार्रवाई को लेकर एक बार फिर प्रशासन पर निशाना साधा है।

बीते विधानसभा चुनाव और उसके बाद अजीत जोगी के समर्थकों ने जोगी की तस्वीर और स्लोगन लगी तस्वीरें हजारों की संख्या में क्षेत्र में बांटी थीं। ये तस्वीरें कई लोगों ने अपने घर के भीतर और आंगन में टांगकर रखी हुई है। ग्राम पीपलामार में आज प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार ने कुछ घरों में जाकर ऐसी करीब 33 तस्वीरों को जब्त कर लिया। जो प्रतिवेदन बनाया गया उसमें नायब तहसीलदार अविनाश कुजूर ने लिखा है कि कुशाल सिंह नाम के व्यक्ति ने अनुविभागीय दंडाधिकारी पेन्ड्रारोड के समक्ष शिकायत की थी कि चैतराम उर्फ हेमू व रशीला बाई ने अपने घर में पार्टी विशेष से सम्बन्धित चुनाव प्रचार सामग्री जमा करके रखी है। उड़नदस्ता दल के साथ पहुंचने पर उक्त घर में 33 नग फोटो फ्रेम पाया गया जिसे मौके पर जब्त कर लिया गया है, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग कराई गई है।

इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अमित जोगी ने कहा है कि ये तस्वीरें झंडा बैनर जैसी प्रचार सामग्री नहीं है। फोटो में कोई चुनाव चिन्ह नहीं है। घर वाले जोगी की फोटो को कमरे में रखकर पूजा करते हैं। घर से फोटो तो हटा दी गई, दिल से नहीं हटा सकते। यह कार्रवाई सत्ताधारी दल के इशारे पर हो रही है। कांग्रेस को हार का डर सता रहा है। बलपूर्वक तस्वीरें हटाना जनता की भावनाओं का अपमान है।

नायब तहसीलदार कुजूर ने बताया कि जो सामग्री जब्त की गई उसमें चुनावी स्लोगन है जिनका पंचनामा बनाकर जब्ती की गई है। कुजूर ने जब्ती कार्रवाई तथा जब्त की गई तस्वीरों की फोटो देने से मना किया और कहा कि यह निर्वाचन सम्बन्धी दस्तावेज हैं।

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