बिलासपुर। राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अमर अग्रवाल ने मांग की है कि जिस तरह से वोट के फेर में खैरागढ़ को चुनाव परिणाम के 24 घंटे के भीतर जिला बनाने की घोषणा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने की है, उसी तरह से बिलासपुर में प्रस्तावित कैंसर चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र के लिए राज्य सरकार का हिस्सा अभी 24 घंटे में जारी करे।
अग्रवाल ने एक प्रेस नोट में कहा कि केंद्र सरकार ने 300 बिस्तरों वाले राज्य स्तरीय कैंसर चिकित्सा एवं अनुसंधान केंद्र की बिलासपुर में स्वीकृति दी है। इसके तहत कोनी में 10 एकड़ भूमि का चयन भी किया जा चुका है। इसकी लागत 115 करोड़ रुपए है, जिसमें 60% राशि केंद्र को तथा 40% राज्य को वहन करना है। केंद्र सरकार ने इसके लिए फौरी तौर पर 51 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं, पर राज्य सरकार ने अपना हिस्सा नहीं दिया है। कैंसर जैसे असाध्य रोगों की चिकित्सा सुविधा की फाइल दम तोड़ रही है। एक उन्नत चिकित्सा सुविधा से राज्य की जनता को जानबूझकर वंचित किया जा रहा है। कैंसर हॉस्पिटल की स्थापना में हो रही देरी के लिए पूरी तरह से राज्य सरकार जिम्मेदार है। राज्य का अंश जारी नहीं होने के कारण केंद्र ने जारी राशि को अन्य राज्य में स्थानांतरित करने का फैसला करने का मन बना लिया है। चुनाव में वोट हासिल करने के लिए खैरागढ़ जिले की स्थापना की घोषणा करने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को चाहिए कि वे राज्य के अंश की राशि 45 करोड़ रुपए 24 घंटे में जारी करे।
पूर्व मंत्री ने कहा कि कोरोना काल में सरकार ने शराब पर 10% सेस लगाया। करोड़ों रुपए एकत्र किए गए लेकिन जब स्वास्थ्य व संरचना के विस्तार की बात आई तो सरकार गूंगी और बहरी हो गई है।

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