बिलासपुर । कृषि विज्ञान केन्द्र, बिलासपुर में विश्व बैंक एवं भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून की पारिस्थितिकी तंत्र सुधार परियोजना के तहत श्री विधि द्वारा धान उत्पादन तकनीक पर मरवाही विकासखंड के 40 किसानों को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।

कृषि विज्ञान केन्द्र बिलासपुर में सत्र 2019-20 हेतु भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून की विश्व बैंक की सहायता से चलने वाले पारिस्थितिकी तंत्र सुधार परियोजना के तहत मरवाही विकासखंड के 4 गांवों में 5 एकड़ क्षेत्र पर श्री विधि के द्वारा धान उत्पादन तकनीक पर किसानों के खेतों में अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन कार्यक्रम हेतु परियोजना चलाई जा रही है। श्री (सघन धान बोनी) पद्धति में बहुत कम पानी की जरूरत पड़ती है और उत्पादन अच्छा होता है।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. आर.के.एस. तिवारी, अधिष्ठाता, कृषि महाविद्यालय बिलासपुर थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा कि किसान आज के बदलते जलवायु को ध्यान में रखकर प्राकृतिक रूप से उपलब्ध संसाधनों का प्रयोग करते हुए खेती करें जिससे कि वातावरण संरक्षित रहे एवं आने वाली पीढ़ी को जल संकट का कष्ट नहीं उठाना पड़ेगा।
कृषि विज्ञान केन्द्र, बिलासपुर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अमित शुक्ला ने कृषि विज्ञान केन्द्र बिलासपुर की कार्ययोजनाओं की जानकारी दी। डॉ. शुक्ला ने जैविक खेती के महत्व तथा बाड़ी में उन्नत फल एवं सब्जी उत्पादन तकनीक पर भी विस्तारपूर्वक चर्चा की।
कार्यक्रम में उष्णकटिबंधीय वन अनुसंधान संस्थान, जबलपुर से आये वैज्ञानिक डॉ. एस.सी. विश्वास ने परियोजना के उद्देश्यों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी।
इस अवसर पर भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद देहरादून से आये हुए वैज्ञानिक डॉ. विकास वत्स ने योजना की मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र की सदस्य वैज्ञानिक, शिल्पा कौशिक ने श्रीविधि से खेती की तकनीक पर प्रशिक्षण दिया। केन्द्र के पौध रोग वैज्ञानिक जयंत कुमार साहू ने धान के फसल में लगने वाले रोग एवं कीटों के निदान के बारे में प्रशिक्षण दिया। कृषि अभियांत्रिकी वैज्ञानिक पंकज मिंज ने श्री विधि एवं धान की खेती में उपयोग आने वाले कृषि यंत्र तथा खरपतवार नियंत्रण की यांत्रिकी विधि पर विस्तारपूर्वक प्रशिक्षण प्रदान दिया।
इस अवसर पर कृषि विज्ञान केन्द्र की गृह विज्ञान वैज्ञानिक डॉ. किरण गुप्ता, सुशीला ओहदार तथा अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।

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