बिलासपुर। अरपा भैंसाझार बैराज का निरीक्षण करने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री व मरवाही विधायक अजीत जोगी ने सवाल उठाया है कि 600 करोड़ रुपये की परियोजना की लागत 1148 करोड़ रुपये कैसे पहुंच गई। उन्होंने बैराज के काम को गुणवत्ताहीन बताते हुए इसमें भारी भ्रष्टाचार होने की आशंका जताई है।

जनता कांग्रेस ने बैराज के निर्माण कार्य में कथित भ्रष्टाचार जांच करने के लिए एक समिति बनाई है। जांच दल के अध्यक्ष विक्रांत तिवारी के साथ रविवार शाम को अजीत जोगी व कोटा विधायक डॉ. रेणु जोगी मौका मुआयना करने पहुंचे। तिवारी ने कहा कि विभाग ने दरार वाली दीवार को जोगी के पहुंचने से पहले ही मिट्टी से भर दिया।

अजीत जोगी ने निरीक्षण के बाद कहा कि काम गुणवत्ताहीन लग रहा है। इसमें भारी भ्रष्टाचार का अंदेशा है। शासन के मापदंड के अनुसार इतनी लागत में जितनी भूमि में किसानों को पानी मिलना चाहिए नहीं मिल रहा है। जोगी ने कैचमेंट एरिया के पेड़ों को नहीं काटने पर भी सवाल उठाया साथ ही एफएलटी के बारे में भी एसडीओ से जवाब-तलब किया। जब जोगी ने पूछा कि परियोजना की लागत 606 करोड़ से 1148 करोड़ कैसे पहुंच गई तो अधिकारियों ने जवाब दिया कि इसकी वजह राहुल गांधी हैं, जिन्होंने 2014 में आंदोलन किया। इसके चलते जमीन अधिग्रहण की दर बढ़ानी पड़ी। जांच दल के विक्रांत तिवारी ने इसके जवाब में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह का वह आदेश रख दिया जिसमें कहा गया है कि चार गुना अधिग्रहण दर देने का प्रावधान इस परियोजना में लागू नहीं होगा। अधिकारियों ने जोगी कांग्रेस नेताओं को बताया कि नहर के काम को पूरा करने में दिक्कत आ रही है। जोगी कांग्रेस ने इस पर भी सवाल खड़े किये हैं सिविल वर्क का काम बाकी होने के बावजूद ठेकेदार को लगभग पूरा भुगतान ठेकेदार को कर दिया गया है।

तिवारी ने बताया कि जांच दल इस मामले की रिपोर्ट दिल्ली तक भेजेगा और जनहित में मामले को न्यायालय के समक्ष भी रखा जायेगा। इस प्रवास के दौरान जोगी के साथ  जिला अध्यक्ष ज्वाला प्रसाद चतुर्वेदी, लल्लन महाराज, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रांत तिवारी, बैकुंठ नाथ जायसवाल, विकास सिंह, राकेश तिवारी, संजय जायसवाल, बृजभान सिंह, संतराम मरावी, सुनील वर्मा, रितेश बाजपाई, अश्वनी धुर्वे, ललित अग्रवाल, बाबा सोनी, दिना मेश्राम, परमेश्वर मिरी, शक्ति बघेल आदि साथ थे।

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