नई दिल्ली। यहां विशेष अदालत ने छत्तीसगढ़ में कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितता से जुड़े एक मामले में पूर्व राज्यसभा सांसद और लोकमत समूह के अध्यक्ष विजय दर्डा, उनके बेटे देवेंद्र दर्डा और मेसर्स जेएलडी यवतमाल एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक मनोज कुमार जायसवाल को चार साल कैद की सजा सुनाई है।
अदालत ने इसी मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, दो वरिष्ठ लोक सेवकों केएस क्रोफा और केसी सामरिया को भी तीन साल की जेल की सजा सुनाई। अदालत ने इससे पहले छत्तीसगढ़ में कोयला ब्लॉक आवंटन में अनियमितताओं से संबंधित मामले में पूर्व राज्यसभा सांसद विजय दर्डा और पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता सहित सात आरोपियों को दोषी ठहराया था, जिसने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह सरकार को हिलाकर रख दिया था।
अदालत ने आरोपियों को आपराधिक साजिश (आईपीसी की धारा 120-बी के तहत दंडनीय) और धोखाधड़ी (आईपीसी की धारा 420 के तहत दंडनीय) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत दोषी ठहराया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कहा कि यह कोयला आवंटन घोटाले में 13वीं सजा सुनिश्चित की गई है।
यह घोटाला 2012 में मनमोहन सिंह सरकार के दौरान तब सामने आया था, जब नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने 2004 से 2009 के बीच गैर-पारदर्शी तरीके से कैप्टिव उपयोग के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों और निजी कंपनियों को 194 कोयला ब्लॉकों के अपारदर्शी आवंटन के लिए सरकार की आलोचना की। सीएजी ने शुरू में सरकारी खजाने को 10.6 लाख करोड़ रुपये के भारी नुकसान का अनुमान लगाया था, लेकिन संसद में पेश की गई उसकी अंतिम रिपोर्ट में यह आंकड़ा 1.86 लाख करोड़ बताया गया।

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