बिलासपुर। मौसम विभाग शीतलहर को देखते हुए जारी किये यलो अलर्ट के बीच जिला प्रशासन ने सभी नगरीय निकायों को रात में अलाव जलाने का निर्देश जारी किया है। स्कूलों को दस जनवरी तक सुबह 8.30 बजे से पहले शुरू नहीं करने का निर्देश दिया गया है।

भारतीय मौसम विज्ञान की ओर से बिलासपुर सहित प्रदेश के दस जिलों के लिए ‘यलो अलर्ट’ जारी करते हुए सावधान रहने की हिदायत दी है। प्रदेश के राहत आयुक्त ने यह सूचना भेजी गई है, जिसे सभी कलेक्टरों को भी भेजा गया है। बिलासपुर के अलावा कोरिया, बलरामपुर, सरगुजा, सूरजपुर,जशपुर, कवर्धा, मुंगेली, रायगढ़ और कोरबा जिलों के अनेक हिस्सों में अगले 24 घंटे के भीतर सामान्य अथवा तेज शीतलहर चलने की संभावना है।

नगर निगम प्रशासन ने शहर के मुख्य सार्वजनिक स्थानों और चौक पर ठंड से बचने अलाव जलाने की व्यवस्था की है। बीती रात शहर के नेहरू चौक, महामाया चौक, सिम्स गेट के सामने, मुंगेली नाका चौक,  पुराना बस स्टैंड, सिरगिट्टी, तिफरा सहित 12 से ज्यादा स्थानों पर अलाव जलाने की व्यवस्था की गई थी। कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर खुद इनकी मानिटरिंग में लगे हुए हैं।

कलेक्टर डॉ. संजय अलंग ने नगर निगम बिलासपुर सहित सभी नगरीय निकायों में महत्वपूर्ण स्थलों में पर्याप्त संख्या में अलाव जलाने का निर्देश दिया है। साथ ही नगरीय निकायों में बनाये गये रैन-बसेरा और नाईट शेल्टर में पर्याप्त मात्रा में कंबल, चादर एवं अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराने कहा है। इन व्यवस्थाओं का सतत् निरीक्षण करने का निर्देश सभी एसडीएम और सभी सीएमओ को दिया गया है।

जिले में कड़ाके की ठंड एवं शीतलहर के चलते स्कूलों के समय में 10 जनवरी तक परिवर्तन किया गया है। परिवर्तित समय अनुसार दो पाली में संचालित विद्यालयों में कनिष्ठ विद्यालयों का समय प्रातः 8.30 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक एवं वरिष्ठ विद्यालयों का समय दोपहर 12.45 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित किया गया है। एक पाली में संचालित शालायें प्रातः 10 बजे से शाम 4 बजे तक लगेगी। यह आदेश जिले में संचालित सभी शासकीय, अशासकीय, अनुदान प्राप्त स्कूलों के लिये लागू होगा।

शीतलहर से बचाव के उपाय

शीतलहर से बचाव के लिये जितना संभव हो घर के अंदर रहें, अति आवश्यक कार्य होने पर बाहर निकलें। मौसम से संबंधित समाचार व आपातकाल के संबंध में जारी समाचारों को ध्यान से सुने। वृद्ध व्यक्तियों का ध्यान रखें तथा उन्हें अकेला न छोड़ें। यह भी सुनिश्चित करें कि पावर सप्लाई आपातकाल में भी रहे। ऐसे आवास का उपयोग करें जहां तापमान सही रहता हो।  आवश्यकतानुसार गर्म पेय पीते रहे। बिजली का प्रवाह अवरूद्ध होने की स्थिति में फ्रीज में खाने के सामान को 48 घंटे से अधिक न रखें। शीतलहर से बचाव हेतु टोपी या मफलर का भी उपयोग किया जा सकता है अथवा सिर व कान को ढंककर रखें। यदि केरोसिन व कोल की हीटर का उपयोग करते हैं तो गैस व धुएं निकलने वाले रोशनदान की व्यवस्था रखें। स्वास्थ्यवर्धक खाने का उपयोग करें। यदि सर्दी से संबंधित कोई प्रभाव शरीर पर दिखाई दे जैसे नाक, कान, पैर, हाथ की उंगलियां आदि लाल हो, तो तत्काल स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लें। असामान्य तापमान की स्थिति, अत्यधिक कांपना, सुस्ती, कमजोरी, सांस लेने में परेशानी हो, तो ऐसी स्थिति में तत्काल स्थानीय चिकित्सक से परामर्श लें।

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