कोरबा। लोकसभा सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने संसद में रेल मंत्री के समक्ष कोरबा में यात्री गाड़ियों के विस्तार, नई ट्रेनों के परिचालन और एक्सप्रेस ट्रेनों के ठहराव से जुड़े मुद्दों को उठाया।

सांसद महंत ने कहा कि बिलासपुर रेलवे जोन की आमदनी में 80% कोरबा का हिस्सा है लेकिन इसके बाद भी इसे यात्री सुविधाओं से वंचित रखा गया है।

सांसद ने मांग रखी कि कोरबा इतवारी ट्रेन वापसी में बिलासपुर में ही रुक जाती है, उसे कोरबा तक लाया जाए। साथ ही कोरबा रायपुर हसदेव एक्सप्रेस का डोंगरगढ़ तक विस्तार किया जाए। उन्होंने गेवरा-पेंड्रारोड रेल कॉरिडोर में पसान के पास रेलवे स्टेशन का निर्माण कराने की मांग रखी।

सांसद ने कहा कि कोरबा से बालपुर होते हुए सारागांव का रेल ट्रैक 5 साल पहले से बन चुका है और इसमें मालगाड़ी का परिचालन हो रहा है, यहां से यात्री ट्रेन का परिचालन किया जाए। साथ ही कोरबा से राऊरकेला के लिए नए बजट में यात्री ट्रेन प्रस्तावित किया जाए। उन्होंने कोरबा से कटनी मार्ग के लिए भी ट्रेन प्रारंभ करने की मांग की। कोरबा रेलवे स्टेशन में बने पिटलाइन को जल्द शुरू करने की मांग रखी, साथ ही कोरबा से बीकानेर के लिए नई यात्री ट्रेन को बजट में शामिल करने की मांग की।

सांसद महंत ने चांपा रेलवे स्टेशन में गीतांजलि एक्सप्रेस, ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस व कर्मभूमि एक्सप्रेस का तथा कोरबा रेलवे स्टेशन से चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनों का सरगबुंदिया एवं मड़वारानी में ठहराव देने की मांग की। सांसद ने याद दिलाया कि कोरबा ईस्ट वेस्ट रेल कॉरिडोर के तहत निर्धारित पेंड्रारोड रेल कॉरिडोर का 24 सितंबर 2018 को तत्कालीन रेल मंत्री ने भूमि पूजन किया था जिसका कार्य 2021 तक पूरा हो जाना था लेकिन अभी तक केवल 55%  कार्य ही हो पाया है। उन्होंने इस कार्य में प्रगति लाने की मांग की।

उन्होंने सदन को बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 135 बिलियन टन का लदान कोरबा से रेलवे ने किया जिससे लगभग 18000 करोड़ रुपए की आमदनी हुई। इस वर्ष 239 दिन में 100 मिलियन टन कोयला लदान किया गया, जो कीर्तिमान था। इनके लिए सभी मालगाड़ी कोरबा शहर के बीच से गुजरती है। डेढ़ किलोमीटर के भीतर 5 रेलवे फाटक हैं, जिससे ट्रैफिक व्यवस्था बिगड़ती है। इसे दुरुस्त करने के लिए अंडरब्रिज तथा ओवरब्रिज का निर्माण किया जाए।

 

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