अमृतसर। कोरोना और सौंदर्यीकरण की वजह से पिछले डेढ़ साल से बंद जलियांवाला बाग शनिवार को आम जनता के लिए खोल दिया गया। पंजाब सरकार ने 20 करोड़ रुपये खर्च जलियांवाला बाग को संवारा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसका वर्चुअल उद्घाटन किया। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कार्यक्रम से जुड़े। उन्होंने जलियांवाला बाग के इतिहास के बारे में जानकारी दी और आज के दिन को खुशी का दिन बताया। साथ ही उन्होंने पीएम से आग्रह किया कि महान शहीद ऊधम सिंह की निजी वस्तुएं पिस्तौल और निजी डायरी वापस लाने के लिए ब्रिटिश सरकार के साथ बातचीत की जाए। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों की कुर्बानी को याद रखा जाना चाहिए। इसके बाद मोदी ने अपने संबोधन में शहीदों को याद किया। उन्होंने कहा कि जलियांवाला बाग आजादी की लड़ाई का प्रतीक बना।


वहीं इससे पहले शाम को कार्यक्रम का विरोध करने जलियांवाला बाग पहुंचे नौजवान भारत सभा के सदस्यों और अन्य किसान जत्थेबंदियों के प्रतिनिधियों पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया। पुलिस तीस से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर छेहरटा थाने ले गई। जहां नौजवान सभा के प्रधान रुपिंदर सिंह चौंदा के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने थाने के अंदर ही पुलिस के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। जलियांवाला बाग का नवीनीकरण पिछले साल पूरा होना था लेकिन कोविड की वजह से काम रुक गया था। पहले बाग सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक खुलता था लेकिन अब यह देर शाम तक खुलेगा। जलियांवाला बाग के अंदर खुले कुएं को रेनोवेट कर दिया गया है। यह वही कुआं है जिसमें अंग्रेजी सेना की गोलियों से बचने के लिए लोगों ने कूदकर जान दे दी थी।

सैलानी देखेंगे डिजिटल डाक्यूमेंट्री

जलियांवाला बाग में एक थिएटर का निर्माण किया गया है। एक साथ 80 लोगों की क्षमता वाले इस थिएटर में डिजिटल डाक्यूमेंट्री दिखाई जाएगी। इसके लिए जलियांवाला बाग नरसंहार पर डिजिटल डाक्यूमेंट्री तैयार की गई है। इसमें गेट से अंग्रेजी सेना के प्रवेश से लेकर जलियांवाला बाग में बैठे बेकसूर लोगों पर गोलियां चलाने तक का वाकया कैद है। इससे पहले अमिताभ बच्चन की आवाज में लाइट एंड साउंड शो सैलानियों को दिखाया जाता था।

(Amarujala)

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