गुरु घासीदास केन्द्रीय विवि में  सामाजिक विकास पर पुनश्चर्या कार्यक्रम

गुुरु घासीदास विश्वविद्यालय (केन्द्रीय विश्वविद्यालय) के यूजीसी-मानव संसाधन विकास केन्द्र में सोमवार दिनांक 10 दिसम्बर को  ‘‘सोशल वर्क एंड सोशल डेवेल्पमेंट इन इरा ऑफ पोस्ट मॉर्डनाइजेशन‘‘ विषय पर पुनश्चर्या कार्यक्रम का उद्घाटन हुआ। उद्घाटन कार्यक्रम में कोर्स कोऑर्डिनेटर समाज कार्य विभाग की वरिष्ठ आचार्य प्रो. प्रतिभा जे. मिश्रा, निदेशक (प्रभारी) डॉ. रत्नेश सिंह एवं सहायक निदेशक डॉ. सुबल दास उपस्थित थे।

पुनश्चर्या कार्यक्रम में केरल, असम, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, आंध्रप्रदेश, पश्चिम बंगाल, नगालैंड, छत्तीसगढ़ और पुडुचेरी से कुल 38 प्रतिभागी शामिल हो रहे हैं।

कार्यक्रम के उद्घाटन अवसर पर प्रो. मिश्रा ने कहा कि इस कोर्स के दौरान आप शिक्षक की छवि को भूल जाइये और विद्यार्थी की भांति देश के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों से आने वाले विषय विशेषज्ञों से मिलने वाली जानकारियों को ग्रहण करें। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का कोर्स में स्वागत किया और कहा कि शिक्षक होने की वजह से आपको उन विधियों, प्रणालियों एवं माध्यमों से अनुभवी विषय विशेषज्ञों से जानने का अवसर प्राप्त होगा जिन्हें आप स्वयं की कक्षा एवं संस्थान में लागू कर पाएंगे।

यह एक अंतरविषयक कार्यक्रम है जिसमें विभिन्न विषयों के शिक्षक प्रतिभागी के रूप में देश के कोने-कोने से शामिल हुए है जो आपको एक दूसरे को समझने एवं शैक्षणिक विकास में सहायक सिद्ध होगा। उन्होंने कहा कि संवाद सामाजिक विज्ञान विषय को सीखने और समझने का सर्वोतम माध्यम है। रिफ्रेशर कोर्स का उद्देश्य है कि आप शैक्षणिक विधियों हेतु री-फ्रेश हो जाएं। इस पुनश्चर्या कार्यक्रम में देश के जाने माने समाज विज्ञान विशेषज्ञ प्रतिभागियों से संवाद करेंगे। जिसमें विषय विशेषज्ञों द्वारा समकालीन विषयों पर व्याख्यान होंगे।

इस अवसर पर मानव संसाधन विकास केन्द्र के प्रभारी निदेशक डॉ. रत्नेश सिंह ने कहा कि एचआरडीसी विश्वविद्यालय में वर्ष 2009 से कार्य कर रहा है जिसमें देश के सुदूर हिस्सों से प्रतिभागी शामिल होते हैं। उन्होंने कहा कि एचआरडीसी को जीव विज्ञान विषय का नेशनल रिसोर्स सेंटर प्राप्त हुआ है जो उपलब्धि का विषय है। साथ ही केन्द्र में प्रतिभागियों का ऑन लाइन फीडबैक लिया जाता है जो विशेष पहल है। उद्घाटन कार्यक्रम का संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन सहायक निदेशक डॉ. सुबल दास ने किया।

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