सिम्स के टेक्नीशियन को कॉलर पकड़कर खींचते सीसीटीवी फुटेज सामने आई, सतनामी समाज की मांग-एट्रोसिटी लगे

बिलासपुर। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव और स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के करीबी पंकज सिंह पर एफ आई आर दर्ज करने के बाद विधायक की मौजूदगी में सिटी कोतवाली थाने में हुए हंगामे के बाद पार्टी के भीतर बवाल मच गया है।
छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के अध्यक्ष अटल श्रीवास्तव ने आज मीडिया से बात करते हुए कहा कि पैराशूट विधायक शैलेश पांडे का बयान अनुशासनहीनता की श्रेणी में है। इसकी शिकायत हाईकमान से की जाएगी। उनका यह कहना गलत है की एफ आई आर बदले की कार्रवाई है। सिम्स के रेडियोग्राफर ने 18 सितंबर की रात में शिकायत की थी और 2 दिन तक पुलिस ने मामले की जांच करने के बाद रिपोर्ट दर्ज की। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज से शिकायत की पुष्टि की। ऐसे में यह कहा जाना कि पुलिस पर ऊपर का दबाव था, गलत है। श्रीवास्तव ने कहा कि जब मुख्यमंत्री ने अपने पिता की गिरफ्तारी नहीं रोकी तो फिर वह किसी को जबरन गिरफ्तार करने के लिए भी क्यों कहेंगे।
बिलासपुर शहर कांग्रेस के अध्यक्ष प्रमोद नायक ने बताया है कि कोतवाली थाने में विधायक शैलेश पांडे और पंकज सिंह के समर्थकों द्वारा किए गए प्रदर्शन और विधायक के बयान से संबंधित सारी रिपोर्ट ऑडियो वीडियो सहित प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम को भेज दी गई है अब आगे की कार्रवाई का निर्णय वही लेंगे।
दूसरी तरफ सिम्स में घटनास्थल के पास लगे सीसीटीवी कैमरे का फुटेज भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसमें तकनीशियन तुलाराम टांडे को कॉलर पकड़कर खींचते और बाहर की ओर ले जाते हुए एक व्यक्ति दिखाई दे रहे हैं, जिसे पंकज सिंह बताया गया है।
आज दोपहर बड़ी संख्या में सतनामी समाज के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि एसपी ऑफिस पहुंचे थे। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को ज्ञापन सौंप कर मांग की है कि सिम्स के रेडियोग्राफर से मारपीट के मामले में पंकज सिंह के विरुद्ध एट्रोसिटी एक्ट के तहत भी अपराध दर्ज किया जाए क्योंकि घटना के दौरान पंकज सिंह ने प्रार्थी को जातिगत गालियां भी दी है। शिकायत लेकर पहुंचने वालों में मस्तूरी के लोग भी थे रेडियोग्राफर टांडे इसी इलाके के गतौरा ग्राम का रहने वाला है।
उल्लेखनीय है 18 सितंबर की रात में एक 65 वर्षीय मरीज को सिर में चोट लगने के बाद सिम्स लाया गया था। वहां उसका एमआरआई होना था। मरीज के परिजनों ने पंकज सिंह को फोन करके  बताया कि मशीन खराब होने और फिल्म नहीं होने की बात कहकर जांच में देरी की जा रही है। इसके बाद पंकज सिंह अस्पताल पहुंचे थे और वहां घटना हुई थी। पंकज सिंह मारपीट से इंकार कर रहे हैं और बताया कि मरीज के परिजनों से एम आर आई के लिए 2000 रुपए मांगे जा रहे थे। मशीन ठीक थी और फिल्म भी मौजूद थी लेकिन जांच नहीं की जा रही थी। डीन और डॉक्टरों के हस्तक्षेप से जांच हो पाई। इसके कारण विवाद हुआ था, लेकिन मारपीट नहीं की गई।
पुलिस द्वारा एफ आई आर दर्ज करने के बाद कल कोतवाली थाने में बड़ी संख्या में पंकज सिंह के समर्थकों ने वहां पहुंचकर प्रदर्शन किया। विवाद तब बढ़ गया जब शैलेश पांडे ने पुलिस अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद मीडिया से कहा कि एफ आई आर  पुलिस  ऊपर के आदेश पर दर्ज की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव का समर्थक होने के कारण उन को टारगेट किया जा रहा है। इसके कुछ देर बाद पुलिस अधीक्षक दीपक झा ने एक प्रेस कांफ्रेंस लेकर कहा कि इस मामले में कोई राजनीतिक दबाव नहीं है। जांच पड़ताल में शिकायत सही पाए जाने पर एफ आई आर दर्ज की गई।

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