बिलासपुर । सातवीं आर्थिक गणना शुरू हो गई है। यह कार्य ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों मंे सीएससी एवं योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के सहयोग से पूरे जिले में संपादित किया जा रहा है।

जिले में ग्रामीण क्षेत्रों में 450 सुपरवाईजर और 900 प्रगणक तथा शहरी क्षेत्रों में 50 सुपरवाइजर और 200 प्रगणकों को तीन चरणों में इसके लिए प्रशिक्षण दिया गया है। यह कार्य माह अक्टूबर 2019 तक पूरा किया जायेगा।
जिले के नागरिकों एंव उद्योग धंधे से जुड़े सभी लोगों से अपील की गई है कि भारत सरकार की सातवीं आर्थिक गणना के क्षेत्रीय कार्य में संलग्न प्रगणक एवं सुपरवाईजरों को आवश्यक सहयोग प्रदान करें। सातवीं आर्थिक गणना के अंतर्गत सभी घरों, दुकानों व उद्योग धंधों का सर्वे किया जाना है। इसलिए प्रगणक को सही जानकारी उपलब्ध करायें। आपकी जानकारी पूर्णतः गोपनीय रखी जाएगी। अतएव समस्त आम नागरिकों से अपील की गई है कि अपने से संबधित जानकारी उपलब्ध करायें।

आर्थिक गणना के माध्यम  देश के उद्योगों, दुकानों, रेहड़ी वालों यहां तक कि घरों में चल रही आर्थिक गतिविधियों का आकलन किया जाता है। इससे देश की अर्थव्यवस्था की मौजूदा हालत का पता चलता है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय की ओर यह अभियान चलाया जाता है। पिछली आर्थिक गणना छह साल पहले सन् 2013 में हुई थी। आर्थिक गणना सन् 1977 से कराई जा रही है। इस गणना से सरकार को विकास एवं रोजगार के लिए नई योजनाएं बनाने में मदद मिलती है। जिन गांवों, व्यवसायों में आर्थिक गतिविधि धीमी है, उसके लिए नीतियां और कार्यक्रम तय किये जाते हैं।

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