बिलासपुर। संक्रमण मुक्त बिलासपुर को आगे भी संक्रमण से बचाये रखने के लिए आज बैठक बुलाई गई। मंथन सभा कक्ष में व्यापार, उद्योग व माल परिवहन से जुड़े लोगों को इसमें समझाया गया कि वे अपनी प्रत्येक गतिविधि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए करें। हैरानी यह थी कि बैठक में ही इतने लोग उपस्थित थे सोशल डिस्टेंसिंग लागू नहीं हो सकी।

कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉकडाउन को प्रभावी और जनता की सुविधाओं में संतुलन बनाये रखने शासन-प्रशासन को कार्य सम्पादन के लिए लगातार बैठकें की जा रही हैं। अधिकांश बैठकें वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से हो रही है। फिर भी जब जरूरत पड़ रही है, लोगों के साथ सीधे संवाद किया जा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा ली गई बैठकों, वीडियो कांफ्रेंस आदि की कई ऐसी तस्वीरें सामने आ चुकी हैं, जिनमें सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए कुर्सियां दूर-दूर रखी गई हैं। कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए इसे सबसे महत्वपूर्ण उपाय माना गया है। इसलिये सार्वजनिक यातायात, सार्वजनिक सभा समारोह प्रतिबंधित किये गये हैं, यहां तक कि शादी ब्याह और मृत्यु संस्कार के लिए कड़े नियम लागू हैं।

बिलासपुर में आला अधिकारियों की दिन रात मेहनत का असर दिखाई दे रहा है। अपना यह शहर बीते एक माह से ग्रीन जोन में चल रहा है। इसके लिए प्रशासन और पुलिस के प्रयासों को सराहा ही जा रहा है पर आज मंथन सभाकक्ष में हुई बैठक में किसी ने गंभीरता से ध्यान नहीं दिया कि यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है या नहीं। हर एक को कम से कम एक मीटर की दूरी बनाकर रखनी है पर बैठक में शामिल कई सदस्य पास-पास बैठे थे, या बैठना पड़ा।

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दरअसल, जितनी संख्या में मंथन सभाकक्ष में लोग पहुंचे थे, उससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन संभव था भी नहीं। इस नियम का पालन करने के लिए बड़ी जगह और कम सदस्यों की बैठक जरूरी है। बैठक की तस्वीरें बताती हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग का नियम इस बैठक में किस तरह टूट गया।

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