तखतपुर/ टेकचद कारडा।  एक-एक इंच जमीन के लिए रिश्तों में आज जहां कडवाहट  आ जाती है वहीं ग्राम पकरिया के तीन भाईयों ने लगभग 10 लाख रुपए खर्च कर गांव के लोगों की आम निस्तारी के लिए अपनी 4 एकड जमींन पर तालाब खुदवा दी। आज इस तालाब की  पूजा अर्चना की गई और इसका गवाह पूरा गांव बना।
 तखतपुर से 6 किलोमीटर दूर ग्राम पकरिया में बिना किसी सरकारी मदद के गांव के लोगों की आम निस्तारी के लिए तालाब खोदवाने का अनुकरणीय कार्य गांव के ही ठाकुर परिवार ने किया। शिक्षक  रामस्नेही क्षत्री, अधिवक्ता रवि क्षत्री व कृषक रामू क्षत्री गांव में हर वर्ष होने वाले जल सकंट से रूबरू हुआ करते थे। गांव में मात्र एक सरकारी तालाब है। इस तालाब में गर्मी आते
-आते सूख जाता था। इसके बाद गांव में ग्रामीणों और जानवरों के लिए आम निस्तारी के लिए समस्या खडी हो जाती थी। गांव में संसाधन पानी की कम हो जाने के कारण ग्रामीण परेशान हो जाते थे। इस तकलीफ को देखते हुए तीनों भाईयों ने लगभग तीन साल पहले निर्णय लिया कि गांव में लोगों को आम निस्तारी की पानी की समस्या से मुक्ति दिलाने के लिए गांव में ही तालाब का निर्माण कराया जाए। इस निर्णय को मूर्त रूप देने के लिए पिछले तीन वर्षो से लगातार  प्रयास चल रहा था। पकरिया तखतपुर मुख्य मार्ग पर ही इनकी 4 एकड जमींन है, जिसकी कीमत वर्तमान में 50 लाख रूपये है। इस कीमती जमीन को उन्होंने तालाब के खोदने के लिए चयन किया।  इस जमींन को पिछले तीन साल गांव के ही मजदूरों को रोजगार भी उपलब्ध कराया। कुछ कार्य जेसीबी से करवाकर तालाब को तैयार कराया गया। आज 2019 में जून माह में तालाब तैयार हो गया, जिसकी पूजा अर्चना पूरे विधि-विधान से की गई। इस तालाब में पानी भरने के बाद गहराई का पता चल सके इसके लिए लगभग 30 फीट लकडी का खम्भा 6 जून को बिलासपुर से लाया गया। इसे बीच तालाब में पूजा अर्चना के बाद लगाया गया। पूजा  अर्चना में मुख्य यजमान रागिनी रवि क्षत्री थीं। पुजारी रघुनंदन दीवान ने पूजा अर्चना  पूरी कराई।
इस अवसर पर आदित्य पुष्पराज सिंह, नटराज सिंह, मोहन, कल्लू, संतोष यादव, डेरहा यादव, लक्ष्मण यादव, सुनीता यादव, लक्ष्मी साहू, राधे यादव, शीतल सिंह, देशराज सिंह, जय सिंह, गुड्डू सिंह, राजू सिंह, उत्तम सिंह, गुडडा सिंह, अल्का सिंह, अर्चना सिंह, श्वेता सिंह, करूणा सिंह, तारा सिंह, गुडिया, पल्लवी, उर्वशी सिंह, राजा कारडा, हिमेश कारडा, संजय ध्रुव, चंचल कारडा, संगीता कारडा, नरेश चंचल कारडा, टेकचंद कारडा, पूरन ठाकुर सहित अन्य उपस्थित रहे। ठाकुर परिवार के तीन भाई रामस्नेही, रवि और रामू ने मिलकर एक परोपकार की एक मिसाल कायम की। उन्होँने बिना किसी सरकारी मदद के अपनी जेब से ही पैसे खर्च कर तीन साल में इस तालाब का निर्माण करवाया जिसमें लगभग 10 लाख रूपये खर्च हो गए। पर आज इस बात को लेकर वे राहत महसूस कर रहे है कि वे आने वाली उनकी पीढी को हमेंशा गांव वाले इस बात के लिए भी याद रखेंगे। गांव में भविष्य में होने वाले जलसकंट से मुक्ति दिलाने इस परिवार का योगदान महत्वपूर्ण रहा।
सरई का खम्भा क्यों?
नये तालाब में जो खम्भा लगाया जाता है वह सरई की लकडी का होता है।ऐसी मान्यता है कि सरई तालाब के पानी को  शुद्ध रखता है और जो भी पानी में गंदगी होती है उसे यह सरई की लकड़ी  सोख लेती है।

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